#अव्यवस्था
July 9, 2025
सुक्खू सरकार ने 30 साल से चल रहे दफ्तर पर लगाया ताला, जानें क्या है वजह
सुक्खू सरकार का मिशन डिनोटिफाई जारी!
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 30 वर्षों से चल रहे खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के जोनल कार्यालय को डिनोटिफाई कर दिया है। यह निर्णय राज्यपाल की स्वीकृति और वित्त विभाग की मंजूरी के बाद 8 जुलाई 2025 को जारी अधिसूचना के तहत लिया गया, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
सरकार के आदेश के अनुसार धर्मशाला स्थित इस कार्यालय को बंद करने के साथ कई कर्मचारियों के पदों को या तो समाप्त कर दिया गया है या फिर उनका स्थानांतरण अन्य कार्यालयों में कर दिया गया है।
इसमें संयुक्त निदेशक, फूड सप्लाई ऑफिसर और सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-2 को शिमला स्थानांतरित किया गया है, जबकि JOA (आईटी) को चंबा भेजा गया है। वहीं प्यून का पद भी राज्य मुख्यालय शिफ्ट कर दिया गया है। इसके अलावा वरिष्ठ सहायक, स्टेनो, इंस्पेक्टर ग्रेड-1, ड्राइवर, दफ्तरी और चौकीदार जैसे छह पदों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।
यह कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए उन कई फैसलों की कड़ी में है, जिनके तहत अब तक प्रदेशभर में 1200 से अधिक स्कूलों और हजारों अन्य सरकारी संस्थानों को बंद किया गया है।
सरकार का कहना है कि पूर्ववर्ती जयराम सरकार ने इन संस्थानों को बिना बजट स्वीकृति के खोला था, जिससे राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ा। हालांकि, इस फैसले को लेकर राज्य सरकार पर राजनीतिक विरोध और आलोचनाएं भी जारी हैं।
सरकार का तर्क है कि यह निर्णय प्रदेश में प्रशासनिक ढांचे को व्यावहारिक और बजट-अनुकूल बनाने के लिए लिया गया है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन दूसरी ओर, विपक्ष इसे कर्मचारियों की छंटनी और जनसेवा से समझौता बता रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गर्मा सकता है, खासकर कांगड़ा जैसे बड़े जिले में।