#राजनीति
December 10, 2025
CM बोले- हिमाचल अब भीख नहीं, हक मांगेगा; केंद्र सरकार की बेरुखी पर फूटा दर्द
CM बोले- जयराम सरकार ने किए समझौते
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शिमला। जब घाव गहरा हो और मरहम दो साल बाद मिले, तो दर्द कम नहीं होता। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह दर्द केंद्र सरकार की बेरुखी पर छलका है। 9300 करोड़ के नुकसान के बदले मिले चंद करोड़ और आपदा के बीच सियासत से नाराज सीएम ने अब आर-पार की हुंकार भरी है।
CM सुक्खू का कहना है कि, हिमाचल अब 'भीख' नहीं, अपने संसाधनों पर अपना 'हक' मांगेगा, ताकि 2032 तक प्रदेश को देश का सबसे अमीर राज्य बनाया जा सके। CM सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023 में हिमाचल ने इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा झेली, लेकिन केंद्र से मदद समय पर नहीं मिल पाई। आपदा के बाद PM नरेंद्र मोदी ने 1500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन यह राशि अभी तक हिमाचल को नहीं मिली है।
केंद्र की टीम ने खुद राज्य में नुकसान का आकलन किया और इसे 9300 करोड़ रुपये बताया। इसके बदले हिमाचल को सिर्फ 451 करोड़ रुपये मिले, वह भी दो साल की देरी के बाद। हजारों परिवार बेघर हुए, कई लोग मारे गए, लेकिन भाजपा के नेताओं ने इस कठिन समय में भी राजनीति से बाज नहीं आए।
CM सुक्खू ने कहा है कि उनका लक्ष्य 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर और 2032 में देश का सबसे अमीर राज्य बनाना है। हम किसी से भीख नहीं, अपना हक मांग रहे हैं। हिमाचल में बिजली और पानी का वर्षों तक सही उपयोग नहीं हुआ। पूर्व BJP सरकार ने राज्य के हितों से समझौता किया। हिमाचल की नदियों से होने वाला फायदा पंजाब और हरियाणा को मिलता है।
बिजली परियोजनाएं करोड़ों कमाती हैं, लेकिन हिमाचल को उचित हिस्सा नहीं मिलता। हिमाचल अपने संसाधनों पर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है और इसे किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। हिमाचल की जनता को अपने हकों की लड़ाई लड़नी होगी
CM ने कहा उनकी सरकार 'व्यवस्था परिवर्तन' के मंत्र पर काम कर रही है। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई पिछली सरकार में हिमाचल माचल शिक्षा में 21वें स्थान पर था। मौजूदा सरकार ने स्कूलों को मर्ज किया और क्वालिटी पर ध्यान दिया, जिससे देश में 5वें स्थान पर आ गया है।
CM ने दावा है कि 2032 तक सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए लोगों को सिफारिश लगानी पड़ेगी। अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक मशीनें लाई गई हैं। वहीं, गांवों में रोजगार बढ़ाने के लिए दूध के दाम और मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाई गई है।
CM सुक्खू ने माना कि, प्रदेश के सामने अभी तीन बड़े संकट हैं जिसमें सबसे पहले जलवायु परिवर्तन, हिमाचल हर साल लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। बादल फटने जैसी घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं और इससे राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राजनीतिक भ्रष्टाचार, सीएम ने विपक्ष पर विधायकों को तोड़कर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। आर्थिक तंगी, प्रदेश की आर्थिक हालत को सुधारना और भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंद करना बड़ी चुनौती है।