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May 2, 2025
चूड़धार यात्रा टैक्स पर घिरी सुक्खू सरकार, प्रेम शुक्ला बोले-कांग्रेस चला रही मुगलिया शासन
मुगलों की तरह सुक्खू सरकार ने हिंदुओं पर लगाया जजिया कर
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बार फिर अपने ही एक फैसले पर भाजपा के निशाने पर आ गई है। सुक्खू सरकार ने सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार में में धार्मिक यात्रा पर जाने वाले लोगों पर टैक्स लगाने का फैसला लिया है। सुक्खू सरकार के इस फैसले का जहां जनता विरोध कर रही है। वहीं भाजपा नेताओं ने भी सुक्खू सरकार को हिंदू विरोधी बताकर सियासी पारा चढ़ा दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने सुक्खू सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार मुगलिया शासन चला रही है। सुक्खू सरकार अब लोगों से धार्मिक यात्रा करने पर भी टैक्स वसूल करेगी। प्रेम शुक्ला ने कहा कि जिस तरह से मुगल हिंदूओं से धार्मिक यात्रा करने पर जजिया कर लेते थे, उसी तर्ज पर अब सुक्खू सरकार ने भी हिंदुओं से धार्मिक यात्रा कर लेने का निर्णय लिया है।
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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल के सिरमौर जिला की चूड़धार की चोटी पर शिरगुल महाराज का मंदिर है। इस मंदिर से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। शिरगुल महाराज शिमला, सोलन, सिरमौर के साथ.साथ उत्तराखंड के जौनसारबावर के लोगों के इष्ट देव हैं। इन क्षेत्रों के लोगों का तो वहां अक्सर आना-जाना रहता है। लोग अपनी पहली फसल का उत्पाद यहां चढ़ाने जाते हैं। लेकिन अब सुक्खू सरकार इन हिंदुओं से अपने इष्टदेव के दर्शन करने के लिए भी पैसे लेगी।
प्रेम शुक्ला ने कहा कि औरंगजेब तो सिर्फ भक्तों से टैक्स लेता था, लेकिन कांग्रेस शासनकाल में जिन घोड़ों और खच्चरों पर सवार होकर भक्त जाते हैं, उन घोड़ों और खच्चरों पर भी टैक्स लादने का काम सुक्खू सरकार ने किया है। सुक्खू सरकार का यह निर्णय साबित करता है कि कांग्रेस हिंदू विरोधी है। क्योंकि इससे पहले भी सुक्खू सरकार ने हिमाचल के मंदिरों से धन की उगाही का निर्णय लिया था।
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बता दें कि ईको डेवलपमेंट कमेटी चूड़धार ने पर्यावरण संरक्षण और पवित्र स्थल की स्वच्छता बनाए रखने के मकसद से चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं से शुल्क लेने का निर्णय लिया था। जिसके लिए अलग.अलग दरें निर्धारित की गई थीं। ईको डेवलपमेंट कमेटी ने धार्मिक यात्रा पर शुल्क वसूलने के लिए 10 तरह की कैटेगरी बनाई हैं। इसके लिए बकायदा रसीदें भी प्रकाशित कर दी हैं। ईको डेवलपमेंट कमेटी का यह फैसला पहली मई से लागू हो गया है।