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April 10, 2025

हिमाचल: पेखूवेला प्रोजेक्ट में करोड़ों का घोटाला, अफसरों-नेताओं को मिली महंगी गाड़ियां

बिक्रम ठाकुर का आरोप- विमल नेगी पर था मामले को दबाने का दबाव 

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता बिक्रम ठाकुर ने ऊना के पेखूवेला प्रोजेक्ट में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है। बिक्रम ठाकुर का आरोप है कि प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी ने HPPCL के अधिकारियों और राज्य के नेताओं को 6 लक्जरी गाड़ियां गिफ्ट की थीं।

 

उन्होंने कहा कि राज्य की सुक्खू सरकार को इन अनियमितताओं की जांच करवानी थी, जो नहीं करवाई गईं। गुरुवार को शिमला में एक प्रेस वार्ता में बिक्रम ठाकुर ने दावा किया कि पेखूवेला प्रोजेक्ट का ठेका लेने वाली कंपनी ने 2 फॉरच्यूनर और 4 इनोवा गाड़ियां प्रदेश के अफसरों और रोजनेताओं को तोहफे में दीं।  

बार-बार बदली गाइडलाइन

उन्होंने दावा किया कि पेखूवेला प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी करने से लेकर टेंडर भरने की आखिरी तारीख तक प्रोजेक्ट की गाइडलाइन को तकरीबन 20 बार बदला गया। यह सारा खेल कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रोजेक्ट की कीमत बढ़कर 220 करोड़ हो गई, जबकि गुजरात में ऐसा ही प्रोजेक्ट 144 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हो गया था।

 

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डीपीआर बनाने में हुआ खेल

बिक्रम ठाकुर ने कहा कि पेखूवेला प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने में भी खेल हुआ। डीपीआर बनाने के लिए टेंडर जारी नहीं किया गया। HPPCL ने अपनी मनपसंद कंपनी को डीपीआर बनाने का ठेका दिया और कंपनी ने 15 दिन में डीपीआर बना भी दी। उसके बाद डीपीआर को किसी स्वतंत्र एजेंसी से चेक नहीं कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि असल खेल यही से शुरू हुआ और नतीजतन दर्जनों बार गाइडलाइन बदली गई।

 

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सब मिले हुए हैं

बिक्रम ठाकुर ने HPPCL प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे खेल में निगम के आला अफसर से लेकर राजनेता सभी मिले हुए हैं। इसी का नतीजा है कि पेखूवेला प्रोजेक्ट का काम पूरा हुए बिना ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट दे दिया गया।

 

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सरकारी वकील की गैरहाजिरी से देशराज को मिली जमानत

बिक्रम ठाकुर ने कहा कि HPPCL के चीफ इंजीनियर बिमल नेगी पर पेखूवेला प्रोजेक्ट को दबाने का भारी दबाव था, जो आखिर में उनकी मौत का कारण बना। उन्होंने आरोप लगाया कि जब HPPCL के डायरेक्टर देशराज ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई तो उसका विरोध करने के लिए कोई सरकारी वकील कोर्ट में हाजिर नहीं था। अगर देशराज को जमानत नहीं मिलती तो उनकी गिरफ्तारी तय थी। ऐसे में HPPCL के एमडी हरिकेश मीणा भी आज सींखचों के पीछे होते, साथ ही कई राज खुल चुके होते।

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