#राजनीति
December 18, 2025
सदन में अनुराग ने किया "जी राम जी" का समर्थन, बोले-कांग्रेस 'बापू प्रेम' का करती है दिखावा
कांग्रेस ने कभी गांधी के विचारों को नहीं अपनाया
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नई दिल्ली/शिमला। लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस का “बापू प्रेम” केवल दिखावे तक सीमित है। कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल हमेशा राजनीतिक फायदे के लिए किया है। देश में रोजगार गारंटी जैसी योजनाएं 1980 के दशक से देश में अलग-अलग नामों से चलती आ रही हैं, लेकिन तब कांग्रेस को गांधी जी की याद नहीं आई।
अनुराग ठाकुर ने सदन में कहा कि, वर्ष 1989 में कांग्रेस सरकार ने रोजगार योजना को ‘जवाहर रोजगार योजना’ नाम दिया, फिर 1999 में इसका नाम बदलकर ‘जवाहर रोजगार समृद्धि योजना’ किया गया। इसके बाद 2001 में ‘सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना’ लाई गई और 2005 में इसका नाम ‘नरेगा’ रखा गया।
उन्होंने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए इस योजना का नाम बदलकर ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)’ कर दिया।
सांसद अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस ने कभी भी सच्चे अर्थों में गांधी जी के विचारों को नहीं अपनाया, बल्कि उनके नाम को केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि राम नाम का विरोध कांग्रेस की राजनीतिक सोच की जड़ में रहा है और पार्टी ने बार-बार देश की सांस्कृतिक भावनाओं को आहत किया है।
अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘विकसित भारत, गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी ‘जी राम जी’ का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह मिशन पूरी तरह गरीब कल्याण को समर्पित है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार व आजीविका को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बहरहाल, मनरेगा की जगह लेने वाला विकसित भारत–रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 (VB-G RAM-G) लोकसभा में पारित हो गया। केंद्र सरकार का दावा है कि यह बिल ग्रामीण रोजगार, आजीविका और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को मजबूती देगा।
अनुराग ठाकुर ने विपक्ष द्वारा इस मिशन का विरोध किए जाने को निराधार और राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा कि, यह बिल ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप है और इससे गांवों में आर्थिक मजबूती आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।