#अपराध
December 18, 2025
हिमाचल BJP विधायक का भतीजा चिट्टे संग अरेस्ट : जंगल में कर रहा था तस्करी, मशीन भी बरामद
नशा तस्करी के नेटवर्क की जांच में जुटी पुलिस टीम
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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में चिट्टा अब सिर्फ नशा नहीं, बल्कि सिस्टम को चुनौती देता हुआ एक खुला सच बन चुका है। सरकार अभियान चला रही है, पोस्टर लग रहे हैं, इनाम की घोषणाएं हो रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि चिट्टा सप्लायरों को न कानून का डर है और न सत्ता का।
अब मामला तब और संगीन हो गया, जब एक भाजपा विधायक के भतीजे को भी पुलिस ने चिट्टे के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस टीम ने आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, हमीरपुर पुलिस ने बुधवार सुबह गश्त के दौरान अलग-अलग मामलों में दो युवकों को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के पास से कुल करीब 2 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया है।
पहले मामले में बड़सर विधानसभा क्षेत्र के गांव ओक निवासी शुभम शर्मा (26) को गलोड़ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान शुभम के पास से करीब 1 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। पुलिस के अनुसार, आरोपी की गतिविधियों को लेकर पहले से ही संदेह था, जिसके बाद गश्त के दौरान उसे पकड़ा गया।
दूसरे मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। बड़सर से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के भतीजे आकाश शर्मा (27) निवासी गांव नेरी को संमलेहड़ा जंगल से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी विधायक के साले का बेटा बताया जा रहा है। तलाशी में आकाश के पास से 1 ग्राम चिट्टा और चिट्टे को तोलने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी बरामद की गई है।
बलवीर सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी सिर्फ उपभोक्ता हैं या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। चिट्टा कहां से आया, किसे सप्लाई किया जाना था और इसमें और कौन-कौन शामिल है, इसकी गहराई से पड़ताल की जा रही है।
गौरतलब है कि हिमाचल सरकार ने चिट्टा तस्करों की सूचना देने पर इनाम की घोषणा कर रखी है। सरकार के अनुसार,
इसके अलावा नेटवर्क के सरगना को पकड़वाने पर 5 लाख रुपये अलग से देने का प्रावधान है। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और 30 दिन के भीतर इनाम दिया जाएगा।
इन तमाम घोषणाओं के बावजूद लगातार सामने आ रहे मामले यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर चिट्टे की सप्लाई क्यों नहीं रुक पा रही। जब जनप्रतिनिधियों के परिवार तक इस जाल में फंसते दिखें, तो यह लड़ाई और भी गंभीर हो जाती है। अब देखने वाली बात होगी कि जांच में कितने बड़े नाम सामने आते हैं और कार्रवाई कितनी दूर तक जाती है।