#राजनीति
March 27, 2025
हिमाचल में चिट्टे पर नकेल कसेगी सरकार, सजा-ए-मौ*त तक का प्रावधान- बिल पारित
नशे के आदी लोगों के पुनर्वास, पुर्नस्थापन का भी प्रस्ताव
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बुधवार को ड्रग्स एंड कंट्रोल्ड सब्सटेंस (प्रिवेंशन, डिएडीक्शन एंड रिहैबिलिटेशन) विधेयक 2025 को पेश किया।
सुक्खू सरकार के इस विधेयक में राज्य में बढ़ती नशा तस्करी को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। विधेयक में नशा करने वालों के पुनर्वास और पुर्नस्थापन के लिए प्रावधान भी किए गए हैं।
बच्चों को नशा बेचने पर सख्त सजा
बुधवार को पेश किए गए विधेयक में नशा तस्करी में बार-बार पकड़ाने वालों के लिए और सख्त सजा देने, बच्चों को नशा बेचने, स्कूल-कॉलेजों के नजदीक नशे की तस्करी करने और घरों से नशा सप्लाई करने पर भी सख्त सजा तय की गई है।
अगर किसी मकान, कमरे या परिसर में नशे की बरामदगी होती है तो आरोपी को 5-10 साल जेल की सजा मिलेगी। इसके अलावा नशे की तस्करी में सहयोग करने या फंडिंग करने वाले 10 से 14 साल जेल की सजा होगी।
नशामुक्ति और ट्रेनिंग पर खास जोर
नशे के आदी लोगों के नशामुक्ति, पुनर्वास और पुर्नस्थापन के लिए राज्य में एक कोष बनाने का प्रस्ताव भी विधेयक में किया गया है। इसी बजट से नशे के आदी लोगों की काउंसिलिंग, कौशल विकास और व्यावसायिक ट्रेनिंग जैसे काम भी करवाए जाएंगे।
बनेंगे स्पेशल कोर्ट
राज्य विधानसभा में पेश विधेयक में नशे की बरामदगी के मामलों को निपटाने के लिए विशेष कोर्ट बनाए जाने का प्रस्ताव है।
दो साल में 27 करोड़ की संपत्तियां जब्त
वर्ष 2023 में NDPS अधिनियम के तहत 2,147 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 3,022 पुरुष, 106 महिलाएं और 7 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2024 में, 1,714 मामले दर्ज हुए, जिसमें 2,401 पुरुष, 112 महिलाएं और 2 विदेशी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है। पिछले दो वर्षों में नशा तस्करों से अवैध रूप से अर्जित लगभग 27 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गईं, जिसमें नकदी, बैंक खाते और सोने के आभूषण शामिल हैं।