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September 23, 2025

हिमाचल में फिर शुरू होगा बारिश का सिलसिला, कल इन चार जिलों में बरसेंगे मेघ

पिछले कुछ दिनों से निकल रही खिलखिलाती धूप

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Himachal Weather

शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस साल का मानसून अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मानसून 25 सितंबर तक प्रदेश से औपचारिक रूप से विदा हो सकता है। हालांकि, मानसून के पूरी तरह लौटने से पहले यह पहले ही कमजोर पड़ चुका है।

हिमाचल में मौसम हुआ साफ

बीते चार दिनों से प्रदेशभर में तेज धूप खिल रही है, जिससे तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई है। औसतन अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 2 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है। अब इसी बीच मौसम विभाग ने नई संभावना जताई है।

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हल्की बूंदाबांदी की संभावना

मौसम विभाग का अनुमान है कि 24 और 25 सितंबर को कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद 26 सितंबर से मौसम फिर पूरी तरह साफ हो जाएगा। इसका अर्थ है कि अब प्रदेशवासी लंबे समय बाद लगातार धूप का आनंद ले पाएंगे।

मानसून ने छोड़ी तबाही की छाप

इस बार का मानसून प्रदेश के लिए भारी साबित हुआ। 1 जून से 22 सितंबर तक सामान्य से 44 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। इस दौरान बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने हजारों परिवारों को प्रभावित किया।

 

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मानसून ने जमकर मचाई तबाही

घर, दुकानें, सड़कें और पुल तक जमींदोज हो गए। सबसे ज्यादा मार किसानों और बागवानों पर पड़ी। कई जगह धान की फसल जलमग्न हो गई, तो सेब और अन्य फलों की बागवानी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

किसानों और बागवानों के लिए राहत भरे दिन

लगातार तबाही झेल चुके किसानों-बागवानों के लिए अब साफ मौसम किसी संजीवनी से कम नहीं है। धान की कटाई और मक्की की फसल की तुड़ाई के लिए अगले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। धूप खिलने से फसलों में नमी कम होगी और खेतों में काम करना आसान होगा। दूसरी ओर, सेब, अनार और किवी जैसे बागवानों के उत्पाद भी अब सुरक्षित ढंग से बाजार तक पहुंच सकेंगे।

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अब चाहिए ठोस राहत और पुनर्वास

ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का कहना है कि इस बार की बरसात ने उनका सालों का परिश्रम बर्बाद कर दिया। ऐसे में अब वे सरकार और प्रशासन से राहत और पुनर्वास की उम्मीद लगाए बैठे हैं। मौसम का साफ होना राहत जरूर है, लेकिन खेतों और बगीचों को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय सहयोग और तकनीकी मदद की भी सख्त जरूरत है।

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