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October 30, 2025
हिमाचल में स्वाइन फ्लू से 21 वर्षीय युवती का जीवन खत्म - अलर्ट पर आया स्वास्थ्य विभाग
परिवार के सदस्यों के सैंपल की हो रही जांच
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ऊना। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से एक चिंताजनक मामला सामने आया है। उपमंडल बंगाणा के चौकीमन्यार गांव की 21 वर्षीय युवती की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। युवती की मृत्यु के बाद पूरे क्षेत्र में भय और सतर्कता का माहौल है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परिवार और आसपास के लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।
जानकारी के अनुसार, चौकीमन्यार की यह युवती कुछ दिन पहले तेज़ बुखार, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ स्वास्थ्य केंद्र धुसाड़ा पहुंची थी। प्रारंभिक उपचार के दौरान जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो डॉक्टरों ने उसे क्षेत्रीय अस्पताल ऊना रेफर कर दिया।
ऊना में भी चिकित्सकों को युवती में स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण नजर आए, जिसके बाद उसे तुरंत पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया। PGI चंडीगढ़ में जांच के दौरान युवती का स्वाइन फ्लू टेस्ट पॉजिटिव आया।
चिकित्सकों ने उसे आईसोलेशन में रखकर इलाज शुरू किया, लेकिन संक्रमण पहले से ही गंभीर अवस्था में पहुंच चुका था। सभी प्रयासों के बावजूद युवती ने 28 अक्टूबर की सुबह दम तोड़ दिया।
इस घटना के बाद चौकीमन्यार और आसपास के गांवों में स्वाइन फ्लू को लेकर दहशत फैल गई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर मृतका के परिजनों सहित पांच लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि संक्रमण के फैलाव को समय रहते रोका जा सके।
जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. वर्मा ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। उन्होंने कहा, “हमने मृतका के परिवार और निकट संपर्क में आने वालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
फिलहाल किसी अन्य व्यक्ति में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर निगरानी जारी है। डॉ. वर्मा ने लोगों से अपील की कि बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
स्वाइन फ्लू, जिसे H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के नाम से भी जाना जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो हवा के माध्यम से फैलती है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं- तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी या दस्त। गंभीर मामलों में यह फेफड़ों पर असर डालती है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
गांव के लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की लगातार निगरानी और परिजनों को दी जा रही दवाईयों से ग्रामीणों में राहत भी है। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और विभागीय निर्देशों का पालन करने की अपील की है।