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July 16, 2025
हिमाचल के हक में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, अब इस बिजली परियोजना से मिलेगी 18% रायल्टी
करछम-वांगतू परियोजना से बढ़ेगी हिमाचल की आमदनी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में आपदा के बीच एक राहत की खबर मिली है। जहां प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक ऐतिहासिक कानूनी जीत मिली है। यह फैसला कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी को लेकर दिया गया है, जिसके अंतर्गत अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी को राज्य सरकार को 12% नहीं, बल्कि 18% रॉयल्टी देनी होगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे को विशेष प्राथमिकता दी थी और विधिक विशेषज्ञों की मदद से सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा गया। मामले में कपिल सिब्बल, पराग त्रिपाठी, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन और अतिरिक्त महाधिवक्ता बैभव श्रीवास्तव ने राज्य की ओर से पैरवी की।
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सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि, इस निर्णय से राज्य को हर साल लगभग 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। इसके साथ ही, यह फैसला उन अन्य जलविद्युत परियोजनाओं पर भी लागू हो सकता है, जिन्होंने 12 वर्ष का समय पूरा कर लिया है। इससे कुल मिलाकर 250 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि, वर्ष 1999 में राज्य सरकार और कंपनी के बीच हुए समझौते के तहत, परियोजना के पहले 12 वर्षों के लिए 12% और उसके बाद 28 वर्षों के लिए 18% रॉयल्टी तय की गई थी। लेकिन सितंबर 2023 से कंपनी ने अतिरिक्त 6% रॉयल्टी देने से इनकार कर दिया।
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इस पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां राज्य के खिलाफ फैसला आया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए राज्य के पक्ष में निर्णय दिया। यह फैसला न केवल एक बड़ी आर्थिक राहत है, बल्कि यह राज्य के प्राकृतिक संसाधनों पर उसके अधिकार को भी मजबूती प्रदान करता है।
इससे पहले भी राज्य सरकार ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में लंबी कानूनी लड़ाई जीतकर संपत्ति को फिर से राज्य के नियंत्रण में लिया था। यह साबित करता है कि वर्तमान सरकार राज्यहित से जुड़े मामलों में मजबूत इच्छाशक्ति के साथ निर्णय ले रही है।
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बहरहाल, इस फैसले से हिमाचल प्रदेश को न केवल आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा कि प्राकृतिक संसाधनों पर राज्य का हक कानूनी रूप से कैसे सुरक्षित किया जा सकता है।