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September 17, 2025
सुक्खू सरकार ने लिया बड़ा फैसला: अब HRTC कर्मचारियों-पेंशनरों की चुकता होंगी सभी लंबित देनदारियां
150 करोड़ का लोन मंजूर, लंबित देनदारियों की होगी अदायकी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में पथ परिवहन निगम एचआरटीसी के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से ओवरटाइम और अन्य भत्तों का इंतजार कर रहे एचआरटीसी के चालक परिचालकों को अब जल्द ही उनके लंबित देनदारियां मिल सकती हैं। इतना ही नहीं सालों से अपने पेंशन की बकाया राशि का इंतजार कर रहे पेंशनरों को भी जल्द ही राहत मिलने वाली है। दरअसल हिमाचल की सुक्खू सरकार ने एचआरटीसी के 150 करोड़ के लोन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
दरअसल हिमाचल प्रदेश के परिवहन निगम एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) की वित्तीय स्थिति को मजबूती देने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने एचआरटीसी को 150 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दे दी है, जिससे निगम को कर्मचारियों के वेतन, ओवरटाइम भत्तों और पेंशन की अदायगी में राहत मिल सकती है। इस फैसले से निगम के हजारों कर्मचारियों और पेंशनरों में नई उम्मीद जगी है।
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एचआरटीसी को यह लोन राज्य सहकारी बैंक से मिलेगा, जिसके लिए निगम और बैंक के बीच प्राथमिक बातचीत पूरी हो चुकी है। पहले यह प्रस्ताव एचआरटीसी के निदेशक मंडल से पारित किया गया था, जिसके बाद इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा गया। अब राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को अंतिम मुहर लगा दी है। राज्य सरकार की माली हालत पहले से ही कमजोर चल रही है और मुख्यमंत्री खुद कई बार यह साफ कर चुके हैं कि अब एचआरटीसी को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। ऐसे में यह लोन निगम के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है।
इस लोन की राशि से निगम सबसे पहले कर्मचारियों का लंबित नाइट ओवरटाइम भत्ता चुकता करेगा, जिसकी रकम करोड़ों में है। निगम प्रबंधन पहले ही वादा कर चुका है कि जैसे ही लोन की राशि मिलती है, ओवरटाइम की एक किस्त जारी की जाएगी। इसके साथ ही आगामी महीनों के वेतन के भुगतान की भी संभावना बनती दिख रही है, क्योंकि सरकार से ग्रांट इन ऐड की संभावना कम होती जा रही है।
लोन की राशि का बड़ा हिस्सा उन पेंशनरों की बकाया पेंशन अदायगी में खर्च किया जाएगा जो लंबे समय से अपने हक का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा नई पेंशन के 200 से अधिक मामले, जो लंबे समय से लंबित हैं, अब सुलझाए जाने की उम्मीद है। रिटायर हो चुके कई अधिकारी व कर्मचारी अभी तक पेंशन से वंचित हैं और उन्हें हर माह के अंत तक इंतजार करना पड़ता है। लोन मिलने के बाद इन सभी मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने भी एचआरटीसी की कमर तोड़ दी है। निगम की आमदनी में प्रतिदिन 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक की गिरावट दर्ज की गई है। कई बसें सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से फंसी पड़ी हैं और अभी भी एचआरटीसी के 600 से अधिक रूट बंद हैं। धर्मपुर में मंगलवार को बस अड्डे को भारी नुकसान पहुंचा है, जहां करीब 20 बसें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें सरकाघाट और बिलासपुर डिपो की बसें भी शामिल हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी एचआरटीसी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इस महीने एचआरटीसी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाया था, जिसे सरकार ने 56 करोड़ रुपये जारी कर किसी तरह पूरा किया। मगर अब पेंशन भुगतान की बारी हैए और इसके लिए निगम को किसी भी तरह से लोन की राशि का इंतजार है। एचआरटीसी की मौजूदा हालत को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह लोन उसके लिए संजीवनी बन सकता है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को राहत मिलेगी बल्कि पेंशनरों की भी सुनवाई हो सकेगी। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि लोन की राशि कब तक निगम को ट्रांसफर होती है और इससे किस हद तक वित्तीय समस्याओं को कम किया जा सकता है।