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September 17, 2025
हाईकोर्ट से मिली राहत : SMC और PTA शिक्षकों को मिलेगा यह लाभ- जानें फैसला
अनुभव पत्र की अनदेखी, याचिकाकर्ता के साथ अन्याय
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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उन शिक्षकों को राहत प्रदान की है, जिन्होंने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) या पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन (पीटीए) व्यवस्था के तहत बिना औपचारिक स्वीकृति के सेवाएं दी थीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अदालत ने आदेश दिया है कि ऐसे शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र को भविष्य की नियुक्तियों की काउंसलिंग में मान्य किया जाएगा और उन्हें निर्धारित अंक प्रदान किए जाएँगे। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने आनंद स्वरूप नामक याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि चयन समिति द्वारा उसके अनुभव प्रमाण पत्र को नज़रअंदाज़ करना पूर्णतः अनुचित था।
याचिकाकर्ता ने तीन वर्षों से अधिक का सेवा प्रमाण पत्र विद्यालय के प्रधानाचार्य से प्रस्तुत किया था, लेकिन समिति ने यह कहते हुए उस पर अंक देने से इनकार कर दिया कि नियुक्ति विभाग की मंजूरी से नहीं हुई थी।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी शिक्षक ने सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्य किया है और संबंधित प्रिंसिपल की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया गया है, तो यह अनुभव प्रमाणित माना जाएगा, भले ही नियुक्ति की प्रक्रिया विभागीय स्वीकृति से न हुई हो।अदालत ने माना कि अनुभव पत्र की अनदेखी से याचिकाकर्ता के साथ अन्याय हुआ है।
क्योंकि यदि उसे 1.5 अंक अतिरिक्त मिलते, तो वह अन्य उम्मीदवारों की तुलना में चयनित हो जाता। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता को बैक डेट से नियुक्ति प्रदान की जाए और उसके साथ न्याय सुनिश्चित किया जाए।
मामले में याचिकाकर्ता ने बताया था कि, उसने वर्ष 2009 से 2012 तक तीन साल तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुम्मा में पीटीए आधार पर सेवाएं दी थीं। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने इस अवधि का अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी किया था। इसके बावजूद चयन समिति ने केवल 3.66 अंक दिए और 1.5 अंक अनुभव के लिए नहीं जोड़े।