#विविध

January 30, 2025

हिमाचल : 24 साल बाद मिले बिछड़े दो भाई, परिवार छोड़ चुका था बेटे के जिंदा होने की उम्मीद

12 साल की उम्र में लापता हो गया था सुरेंद्र

शेयर करें:

Sirmaur News

सिरमौर। कहते हैं आंगन में जिसकी हंसी की गूंज थी, वो परछाई बनकर कहीं गुम हो गया। मगर वक्त के धागे ने ऐसा रंग दिया, कि बिछड़ा हुआ फिर से रूबरू हो गया। ऐसा ही कुछ सिरमौर जिले में एक व्यक्ति के साथ हुआ है- जो कि 24 साल बाद अपने परिवार से मिली है।

12 साल की उम्र में हुआ था लापता

आपको बता दें कि ये व्यक्ति 12 साल की उम्र में अपने मामा के घर गया था। मगर उसके बाद से इसका कुछ अता-पता नहीं चल पाया था। परिजनों ने तो उसे मृत समझ लिया था। मगर किस्मत जब करवट लेती है तो वो कई चमत्कार कर जाती है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : लापता बेटी की तलाश में भटक रहा था परिवार, भगा ले गया था पड़ोसी- हुआ अरेस्ट

24 साल बाद मिला परिवार

दरअसल, अब 24 साल बाद परिवार को व्यक्ति सुरक्षित मिला है। सिरमौर जिले के लोगों ने मानवता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए परिवार से बिछड़े हुए व्यक्ति को 24 साल बाद उसके परिवार से मिलवाया है।

 

बताया जा रहा है कि बीती 24 जनवरी को शिलाई विधानसभा क्षेत्र की कठवार पंचायत के रहने वाले संजय कुमार ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को देखा। संजय उस व्यक्ति को लेकर पांवटा साहिब पुहंचा। जहां बातचीत के दौरान व्यक्ति ने अपना नाम सुरेंद्र मांझी बताया और बताया कि वो बिहार के मोतीहारी का रहने वाला है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : खाई में गिरी कार, महिला के आंखों के सामने उजड़ा सुहाग- पसरा मातम

भाई का आया फोन

संजय ने मोतीहारी जिले के बूथ लेवल ऑफिसर को फोन कर सुरेंद्र मांझी के बारे में बताया। कहानी में मोड़ तब आया जब उसी शाम संजय को सुरेंद्र के बड़े भाई कपिल का फोन आया। कपिल ने बताया कि संजय उसका भाई है और वो 24 साल पहले मामा के घर जाने के बाद लापता हो गया था।

सही-सलामत देख छलके खुशी के आंसू

वहीं, भाई के सही-सलामत होने की बात सुनते ही बीते कल को कपिल बिहार से पांवटा साहिब पहुंच गया। भाई को अपनी आंखों के सामने सुरक्षित देख कर उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। कपिल ने बताया कि पूरा परिवार उसे खोज-खोज कर थक गया था। परिजनों ने सोच लिया था कि वो किसी हादसे का शिकार हो गया है, लेकिन अब उसे जिंदा देखकर वो बेहद खुश हैं।

यह भी पढ़ें : हिमाचल का वो मंदिर- जहां साक्षात दर्शन देते हैं नाग देवता, काल सर्प दोष से मिलती है मुक्ति

सुरेंद्र मांझी को पांवटा साहिब पुलिस थाने में उसके भाई को सुपुर्द किया गया। कपिल ने संजय और पुलिस का खूब आभार प्रकट किया। यह घटना पुलिस और समाज के संयुक्त प्रयासों की एक प्रेरणादायक मिसाल है। विदित रहे कि, सिरमौर से ऐसे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं- जब स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन ने मिलकर परिवार से बिछड़े हुए व्यक्ति को परिवार से मिलवाया है।

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख