#विविध
September 3, 2025
हिमाचल में भारी बारिश से सड़कें हुई बंद, गर्भवती को 12 KM दूर चारपाई पर पहुंचाया अस्पताल
ग्रामीणों की मदद से समय से अस्पताल पहुंच पाई गर्भवती
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सिरमौर। भारी बारिश से बंद पड़ी सड़कों ने ग्रामीणों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। हालात ऐसे हैं कि बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को समय पर इलाज मिलना बेहद मुश्किल हो गया है। इसी बीच, मंगलवार को क्षेत्र के दूरदराज गांव कजवा में एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां ग्रामीणों ने मानवता और आपसी सहयोग की मिसाल पेश की।
गांव की 28 वर्षीय गर्भवती महिला निशा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, लेकिन रास्ते बंद होने के कारण गाड़ी गांव तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में ग्रामीणों ने कजवा से पीयूलानी तक करीब 12 किलोमीटर का सफर चारपाई पर महिला को उठाकर तय किया।
इसके बाद उसे गाड़ी में बैठाकर 14 किलोमीटर दूर सिविल अस्पताल संगड़ाह पहुंचाया गया। रास्ते में जगह-जगह कीचड़ और मलबा जमा था, जिस कारण गाड़ी को कई बार ग्रामीणों को धक्का लगाकर निकालना पड़ा।
महिला के पति हेमचंद ने बताया कि यह उनका पहला बच्चा है। उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों और ग्रामीणों का आभार जताया, जिनकी मदद से समय रहते अस्पताल पहुंचना संभव हो पाया।
स्वास्थ्य अधिकारी संगड़ाह डॉ. वैभव ने बताया कि सामान्यत: पहला प्रसव मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किया जाता है, मगर रास्ते बंद होने और आपात स्थिति को देखते हुए संगड़ाह अस्पताल में ही सफल डिलीवरी करवाई गई।
गौरतलब है कि संगड़ाह अस्पताल को प्रदेश सरकार ने "आदर्श अस्पताल" घोषित किया हुआ है, लेकिन आज भी यहां एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और जनरेटर जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। डॉक्टरों के 10 स्वीकृत पदों में से सिर्फ एक नियमित चिकित्सक तैनात है, जबकि एक अन्य को स्वास्थ्य परियोजना से प्रतिनियुक्त किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा हाल ही में संगड़ाह में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता कार्यालय बंद कर दिए जाने के बाद यहां रोजाना घंटों बिजली गुल रहती है। जनरेटर न होने के चलते मरीजों को कई बार पूरी रात अंधेरे में गुजारनी पड़ती है।