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March 4, 2025

अब हिमाचल के जंगलों को आग से बचाएगा PM मोदी का यह आइडिया, जानें कैसे 

आग लगते ही फौरन देगा सूचना 

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Modi Govt himachal Forest

शिमला। PM नरेंद्र मोदी का आइडिया, यानी एआई मिशन अब हिमाचल प्रदेश में जंगलों को आग से बचाएगा। फिलहाल, जंगलों में आग लगने के बाद वन विभाग को 10 से 12 घंटे बाद सूचना मिल पाती है। लेकिन एआई तकनीक से लैसे सेंसर्स वन विभाग को मिनटों में सूचित कर देंगे। अभी हमीरपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस तकनीक का ट्रायल किया जा रहा है।

 

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हिमाचल प्रदेश के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट समीर रस्तोगी ने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए जंगल में सेंसर लगाए जाएंगे और आग लगने पर विभाग को तुरंत सूचना प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी सेटेलाइट से आधे घंटे से 10 घंटे बाद आग लगने की सूचना प्राप्त करने में देरी हो जाती है। इस कारण आग काफी ज्यादा क्षेत्र में फैली चुकी होती है और उसे काबू में लाना मुश्किल हो जाता है।

शहरों में खत्म होगा बंदरों का आतंक

समीर रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश में लोगों को बंदरों के आतंक से बचाने के लिए वन क्षेत्र में 60 प्रतिशत फलदार पौधों का पौधारोपण किया जाएगा। इससे बंदरों को जंगल में ही खाने की व्यवस्था हो जाएगी और खेतों की ओर आने वाले वन्य प्राणी वापिस जंगल लौट जाएंगे।

 

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सबसे ज्यादा आग धर्मशाला वन मंडल में

हिमाचल प्रदेश के 66।52% हिस्से में जंगल हैं। पिछले साल, राज्य में 381 जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 2,705।84 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट 2023 के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जंगल में लगने वाली आग की घटनाओं में 1,339 फीसदी की वृद्धि हुई है।

 

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पिछले दो साल के मुकाबले इस वर्ष वन मंडल धर्मशाला में अब तक सबसे अधिक जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं में करीब 65 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। अब तक वन मंडल में 200 से अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

 

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गौरतलब है कि वन मंडल धर्मशाला के तहत 72 फॉरेस्ट बीट हैं, जिनमें से 44 बीट अत्याधिक संवेदनशील हैं। हालांकि अन्य बीट्स में भी आग की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन अत्यधिक संवेदनशील बीट्स में ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं।

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