#विविध
November 10, 2025
आपदा में परिवार खो चुकी नितिका को CM सुक्खू ने दिए 28 लाख : मासूम को देख आंखें हुई नम
बाढ़ के सैलाब में बह गए थे नितिका के माता-पिता और दादी
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मंडी। जून 2025 की वो काली रात अभी भी सराज क्षेत्र की लोगों की यादों में नम आंसू बनकर तैरती है। पहाड़ टूटे, घर जमींदोज हुए और कई मासूम ज़िंदगियां पल भर में वीरान हो गईं। उसी हादसे में 14 महीने की नितिका ने अपनी मां, पिता और दादी को मलबे के ढेर में खो दिया था।
कच्चे शब्दों में समझ न आने वाली उस पीड़ा ने उसके मासूम चेहरे की मासूमियत भी सोख ली थी। गोद भरी रहने वाली बाहें अचानक खाली हो गईं और दुनिया अनजानी हो गई। लेकिन आज मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय राहत वितरण समारोह में मानो कुछ क्षणों के लिए ये दर्द ठहर गया।
हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नन्ही नितिका को अपनी गोद में उठाकर उसके सिर पर स्नेह का हाथ रखा। उन्होंने उसकी देखभाल और भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुल 28 लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा में पूरी तरह ढह चुके घर के नुकसान के लिए 7 लाख रुपये सीधे परिवार को दिए जा रहे हैं, जबकि 21 लाख रुपये नितिका के नाम फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा होंगे। यह राशि उसके बड़े होने और शिक्षा से लेकर जीवन की आवश्यकताओं के लिए हमेशा सुरक्षा का आधार बनाने का काम करेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू की आवाज भी भावुक हुई। उन्होंने कहा कि नितिका जैसी बेटियां अब अकेली नहीं। यह केवल किसी परिवार की नहीं, पूरी हिमाचल सरकार की बेटी है। राज्य उसका परिवार है और रहेगा।
आपदा के बाद नितिका को उसकी बुआ ने अपने संरक्षण में लिया है। उन्होंने उसे वही ममता दी, जो एक माँ अपने बच्चे को देती है। मुख्यमंत्री ने बुआ की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे लोग मानवता का अर्थ नए सिरे से परिभाषित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने ऐसी अनाथ बच्चियों और बच्चों के लिए विशेष योजना तैयार की है, ताकि कोई भी मासूम अभाव, लाचारी या असुरक्षा के साथ बड़ा न हो। उन्होंने कहा कि हम केवल घर नहीं बसा रहे, हम भरोसा लौटा रहे हैं।
पड्डल मैदान में जब नितिका हल्की मुस्कान के साथ अपनी बुआ की उंगली थामे दिखी, तो उपस्थित हर आंख नम थी। पहाड़ों की चोटियों के बीच यह मुस्कान उम्मीद की लौ की तरह चमक रही थी।