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June 30, 2025
एक्टिव मोड में मंत्री विक्रमादित्य, सड़कों पर उतारी मशीनरी; बोले-दो दिन में खोल देंगे सभी बंद सड़कें
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अधिकारियों से बैठक कर दिए जरूरी निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक देते ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटों से जारी भारी बारिश के चलते प्रदेश में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। कई इलाकों में भूस्खलन ;लैंडस्लाइडद्ध की घटनाएं सामने आई हैंए जिससे प्रदेश की सैंकड़ों सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। इन बंद सड़कों की बहाली के लिए अब लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की है और उन्हें निर्देश दिए हैं कि बंद सड़कों को तुरंत बहाल करने की दिशा में काम किया जाए। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने बैठक में अधिकारियों से पूरे प्रदेश का फीडबैक लिया है। उन्होंने अधिकारियों को पूरी मशीनरी को सड़कों पर उतारने और बंद सड़कों का जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश के चलते प्रदेश की सैंकड़ों सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। प्रदेश भर में जगह जगह भूस्खलन हुए हैं, जिससे सड़कों को काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश भर के विभिन्न भागों में करीब 390 सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई है, जिनमें कई राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
प्रदेश में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई गांव व कस्बे सड़क संपर्क से कट गए हैं। भूस्खलन के चलते पहाड़ों से मलबा सड़कों पर आ गिरा है, वहीं कुछ स्थानों पर पुल बहने की भी घटनाएं सामने आई हैं। हालात को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने मोर्चा संभाल लिया है।
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प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर प्रदेशभर की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी बारिश के चलते 390 सड़कें बंद हुई थीं, जिनमें से 288 को 24 घंटे के भीतर खोला जाएगा, जबकि 56 सड़कों को 1 जुलाई तक और बाकी बची 46 सड़कों को 1 जुलाई के बाद खोले जाने का लक्ष्य रखा गया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि अगले तीन दिनों के भीतर सभी बंद सड़कों को यातायात योग्य बना दिया जाए। इसके लिए जगह.जगह मशीनरी और मैनपावर तैनात की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि विभाग के पास 110 जेसीबी मशीनें हैं, जबकि 132 अतिरिक्त मशीनें किराये पर ली गई हैं। इसके अलावा डोजर, रोबोटिक मशीनें और टिप्पर भी तैनात किए गए हैं। विशेषकर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में भारी बाढ़ या अन्य कारणों से अगर किसी पुल को नुकसान होगा तो उसके स्थान पर 15 दिन में बेली ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने 20 बेली ब्रिजों का स्टॉक जमा कर रखा है।
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मंत्री ने लोगों से अपील की है कि बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचेंए खासकर उन इलाकों में जहां भूस्खलन की आशंका बनी रहती है। विभाग अपनी तरफ से पूरी तरह से अलर्ट है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।