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May 23, 2025
हिमाचल : पंचत्तव में विलीन हुए शहीद नवीन, चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि- मां ने कांपते हाथों से संभाला तिरंगा
घर पर दादी, मां और बहन का रो-रो कर बुरा हाल
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कांगड़ा। कारगिल में शहीद हुए पालमपुर के हलूं गांव के बेटे नवीन कुमार (25) पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। नवीन को उनके चचेरे भाई राहुल ने मुखाग्नि दी। नवीन की अंतिम यात्रा सैंकड़ों लोग शामिल हुए। लोगों भारत माता की जय के नारे और वीर जवान अमर रहे के नारों के साथ नवीन को अंतिम विदाई दी।
नवीन की पार्थिव देह आज सुबह की उनके घर पहुंची थी। नवीन की पार्थिव देह घर पहुंचते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। नवीन की मां ने कांपते हुए हाथों से तिरंगा संभाला। घर पर कुछ देर पार्थिव देह रखने के बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ नवीन का अंतिम संस्कार किया गया।
तिरंगे में लिपटे नवीन को देख कर दादा-दादी सिर पीट-पीट कर रोते हुए नजर आए। नवीन की मां अपने लाडले बेटे की देह से लिपट कर बेसुध हो गई। जबकि, बहन बिलख-बिलख कर रोती रही और अपने भाई को पुकारती रही। परिवार की बेबसी देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंख नम थी।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर उपमंडल, गांव हलूं का वीर सपूत अग्निवीर नवीन कुमार देश की सेवा करते हुए कारगिल के द्रास सेक्टर में शहीद हो गया। मात्र 25 वर्ष की उम्र में देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले नवीन की शहादत के बाद उनकी पार्थिव देह पैतृक घर पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई।
शहादत से कुछ ही घंटे पहले नवीन कुमार ने अपनी मां अयोध्या देवी से फोन पर बात की थी। बातचीत में उन्होंने कहा था, “मां, मैं सितंबर में छुट्टी लेकर आऊंगा। मेरे लिए लड़की देख लेना, शादी की तारीख भी पक्की कर लेना। नहीं तो आपको अकेले रहना पड़ेगा।” जम्मू-कश्मीर राइफल्स यूनिट में सेवाएं दे रहे नवीन महज दो साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। देश सेवा के जज़्बे से ओतप्रोत यह नौजवान 20 मई की रात को कारगिल सेक्टर में ड्यूटी के दौरान लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
सितंबर 2025 में छुट्टी लेकर घर आने का इंतजार था, लेकिन देश की सेवा करते-करते उनका सफर अधूरा रह गया। नवीन के बहनोई मुनीष कुमार बताते हैं कि नवीन की शादी के लिए लड़की देखना था और तैयारी करनी थी। नवीन पढ़ाई में तेज था और खेलों में भी वह अव्वल था। कबड्डी और बैडमिंटन में उसका मन लगता था। सहपाठियों ने बताया कि वह हमेशा सबका मददगार और मिलनसार था।
हलूं गांव में गहरा शोक छाया हुआ है। जो बेटा घर की खुशियों की बात करता था, वह अब तिरंगे में लिपटा लौट रहा है। विधायक विपिन सिंह परमार, पंचायत प्रधान वंदना कायस्थ और अन्य लोग परिवार के साथ दुख साझा कर रहे हैं।
नवीन के पिता भूमि राम भी सेना में थे। 13 जैक राइफल में हवलदार रहे और कैंसर से जूझते हुए पांच साल पहले उनका निधन हो गया। नवीन का सहारा अब सिर्फ मां, दादा-दादी ही थे और अब वही भी अकेले रह गए।
शहीद नवीन अपनी बहन शिवानी के इकलौते भाई थे। बहन की शादी हो चुकी है, लेकिन भाई को खोना उनके लिए जीवन भर का खालीपन छोड़ गया। गांव का माहौल गमगीन है। मां बार-बार बेहोश हो रही हैं।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नवीन की शहादत पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि देश ने एक बहादुर सपूत को खो दिया है। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और कांगड़ा के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, विपिन सिंह परमार सहित कई नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया। सोशल मीडिया से लेकर गांव की गलियों तक एक ही स्वर गूंज रहा है।