#विविध
December 22, 2025
हिमाचल : बेसहारा हुए दो मासूम- बीमारी से पिता का देहांत, घर छोड़कर चली गई मां
पड़ोसी के घर रहने को मजबूर भाई-बहन
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चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा से हाल ही में सामने आए बेसहारा बच्चों के मामले ने सबको हिला कर रख दिया है। वहीं, अब ऐसा ही एक मामला चुराह उपमंडल से सामने आया है- जिसमें पिता की मौत और मां के लापता होने के बाद दो मासूम बच्चे बेसहारा हो गए हैं।
चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत दियोला के दलेला गांव में रहने वाले 9 वर्षीय बेटे और 5 वर्षीय बेटी की जिंदगी बीते 15 दिनों से अंधेरे में डूबी हुई है। पिता की बीमारी के चलते पहले ही घर में परेशानियों का साया था, लेकिन जिस रात उनकी मौत हुई, उसी रात बच्चों की मां भी रहस्यमयी ढंग से गायब हो गई।
बताया जा रहा है कि महिला अपने बीमार पति के पास बच्चों को छोड़कर कहीं चली गई थी। उसी रात पति ने दम तोड़ दिया, लेकिन इसके बाद महिला न तो घर लौटी और न ही बच्चों की सुध ली। पिता की अर्थी उठने के बाद से ही दोनों मासूम अपने मां-बाप को याद कर रो-रोकर बेहाल हैं।
इन अनाथ हो चुके बच्चों को गांव के ही एक पड़ोसी ने अपने घर में शरण दी है। हालांकि, मदद करने वाला परिवार खुद भी बेहद गरीब है और पशुपालन से जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजारा करता है। इसके बावजूद उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए बच्चों को अपने परिवार की तरह अपनाया। बीते 15 दिनों से दोनों मासूम उसी घर में रह रहे हैं, जहां उन्हें खाना, कपड़े और थोड़ी-सी ममता मिल पा रही है।
लापता महिला की पहचान हितेश कुमारी पत्नी नेहरू लाल निवासी गांव दलेला के रूप में हुई है। इस संबंध में गांव के खेम राज पुत्र सूरत राम ने नकरोड़ पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
खेम राज के अनुसार, हितेश कुमारी पहले भी कई बार बच्चों को छोड़कर मायके चली जाती थी और करीब डेढ़ महीने बाद लौट आती थी। इस बार हालात अलग हैं, क्योंकि अब न तो उसके मायके पक्ष को उसकी कोई जानकारी है और न ही गांव में कोई सुराग मिल पा रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार, लापता होने से एक दिन पहले महिला ग्राम सभा में गई थी, जहां वह अपने बीमार पति से बार-बार तलाक की मांग कर रही थी। इसके बाद अचानक उसका यूं गायब हो जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। बच्चों के भविष्य को लेकर गांव में चिंता का माहौल है।
ग्राम पंचायत दियोला की प्रधान पदमु देवी ने बताया कि पंचायत ने अपने स्तर पर महिला को खोजने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि बच्चों की स्थिति बेहद दयनीय है और उनके भविष्य को लेकर पंचायत गंभीर है।
वहीं, जिला पुलिस अधीक्षक विजय सकलानी ने पुष्टि की कि महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस हर संभावित पहलू से मामले को खंगाल रही है।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसे हालात में बेसहारा बच्चों की जिम्मेदारी कौन उठाएगा। पिता की मौत और मां की गुमशुदगी के बाद अब इन मासूमों के सिर से छत, सुरक्षा और भविष्य तीनों अनिश्चित हो गए हैं। गांव में लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मां जल्द मिले या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाकर बच्चों को सुरक्षित भविष्य दे सके।