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June 24, 2025
हिमाचल में बढ़े पीलिया और डायरिया के मामले- मानसून में ऐसे रखें अपना ख्याल, एडवाइजरी जारी
तेजी से फैल रहा संक्रमण- बरतें सावधानी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ जलजनित बीमारियों ने चिंता बढ़ा दी है। राज्य भर में पीलिया और डायरिया के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। जिला अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक हर रोज 10 से 15 मरीज इन रोगों की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य और जल शक्ति विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं कि वे डायरिया और पीलिया जैसी जलजनित बीमारियों से निपटने के लिए पर्याप्त दवाओं का भंडारण रखें। इसके साथ ही चिकित्सकों को मरीजों को जागरूक करने और इलाज में पूरी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC), टांडा, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा और नाहन के मेडिकल कॉलेजों सहित राज्य के तमाम जिला अस्पतालों, CHC और सिविल अस्पतालों को संभावित रोगियों की अधिक आवक को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। डॉक्टरों ने बताया कि पीलिया की स्थिति में शरीर का पाचन तंत्र पहले से कमजोर हो जाता है, जिससे डायरिया की संभावना बढ़ जाती है।
चिकित्सकों के अनुसार डायरिया और पीलिया दोनों का मूल कारण दूषित पानी है। भारी बरसात के कारण जल स्रोतों में गंदगी घुलने की आशंका रहती है, जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है। कई स्थानों से यह भी शिकायतें आई हैं कि लोगों के घरों में पहुंचने वाला नल का पानी साफ नहीं है।
स्थिति को देखते हुए सरकार ने जल शक्ति विभाग को सभी क्षेत्रों में पेयजल की गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए हैं। जिन जगहों पर पानी पीने योग्य नहीं पाया गया है, वहां स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाने को कहा गया है, ताकि लोग सतर्क रहें।
प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने इस बात की पुष्टि की है कि बरसात के कारण प्रदेश में जलजनित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि एडवाइजरी सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेजी जा चुकी है और लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे पानी उबाल कर पिएं, भोजन में सावधानी रखें और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।