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July 28, 2025

पूरे हिमाचल में भारी बारिश की चेतावनी, कोल-डैम से फिर छोड़ा पानी, नदी-नाले उफान पर

निचले इलाकों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है

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Kol Dam Gates

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। वहीं, आज सुबह 6:30 बजे बिलासपुर जिले की सतलुज नदी पर बने कोल-डैम का पानी फिर छोड़ दिया गया। जिसके बाद से नदी के जलस्तर में 4 से 5 मीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

फिर छोड़ा डैम का पानी

डैम प्रबंधन ने बिलासपुर से लेकर पंजाब तक के लोगों को सतलुज नदी के किनारे न जाने की सलाह दी है। नदी किनारे बसे गांवों और खेतों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

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सावधानी बरतें लोग

कोल-डैम से छोड़ा गया पानी अब पंजाब की ओर बढ़ रहा है। सतलुज नदी हिमाचल से निकलने के बाद रोपड़ (रूपनगर) जिले से पंजाब में प्रवेश करती है और फिर लुधियाना, फिरोजपुर होते हुए हरिके-पत्तन के पास ब्यास नदी से मिलती है। यहां से यह संयुक्त धारा बनाकर भारत-पाकिस्तान की सीमा के साथ बहती हुई पाकिस्तान के बहावलपुर इलाके में चिनाब नदी में समाहित होती है।

10 जिलों में यलो, 4 में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य में अगले 48 घंटे तक मौसम खराब बना रहेगा। विभाग ने आज किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर 10 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 29 जुलाई (कल) को कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है और इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है।

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भूस्खसलन की संभावना

भारी वर्षा के चलते निचले इलाकों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है। खासकर पहाड़ी सड़कों, घाटी क्षेत्रों और जल निकासी वाले स्थानों पर स्थानीय प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है।

किसान और बागवान रहें चौकस

बारिश और डैम से छोड़े गए पानी के कारण सिंचाई और फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। किसानों को सलाह दी गई है कि वो-

  • अपनी फसलें जलभराव से बचाने के लिए जल निकासी की व्यवस्था मजबूत करें।
  • खेतों के पास बहने वाली नदियों या नालों से दूर रहें।
  • बगीचों में पेड़ों के आसपास की मिट्टी को बहने से बचाएं और आवश्यकतानुसार मल्चिंग करें।
  • अधिक पानी वाली फसलों में फंगल रोग का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए फसल निरीक्षण नियमित करें।
  • तेज बारिश की स्थिति में सेब, नाशपाती, प्लम जैसे फलों को अधिक देर पेड़ों पर न टांगें, वरना फटने और गिरने की आशंका बढ़ सकती है।

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नदी किनारे न जाएं

कोल-डैम से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते सतलुज नदी का प्रवाह तेज हो गया है, जिससे तटीय क्षेत्रों में अचानक जलस्तर बढ़ सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो किसी भी स्थिति में-

  • नदी किनारे नहाने या कपड़े धोने न जाएं।
  • पशुओं को नदी के किनारे न ले जाएं।
  • बच्चों को सतलुज किनारे खेलने से रोकें।
  • नदी पार करने या मछली पकड़ने जैसे जोखिम न लें।

कब साफ होगा मौसम?

30 जुलाई को राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम थोड़ा राहत देने वाला रह सकता है। कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं, जबकि बाकी जिलों में मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है।

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