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June 21, 2025
हिमाचल : नाले में आई बाढ़, इस गांव पर मंडरा रहा खतरा- लोग मकान खाली करने को मजबूर
मलबे और भूस्खलन ने बढ़ा दी लोगों की चिंता
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लाहौल-स्पीति। हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। सूबे में कई जगहों पर बारिश का दौर जारी है- जिससे वहां नदियां-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। कुछ इलाकों में बाढ़ आ गई है और इससे कई गांव को भारी नुकसान हुआ है। आलम ऐसा है कि लोग अपने घरों को खाली करने पर मजबूर हो गए हैं।
ताजा मामले में लाहौल-स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल में अचानक आई प्राकृतिक आपदा ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। जाहलमा नाले में शुक्रवार को अचानक बाढ़ आने से आसपास के कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह बाढ़ पहाड़ से ग्लेशियर टूटने के बाद बनी अस्थायी झील के अचानक फटने से आई। इस आपदा के कारण क्षेत्र की सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं, लिंडूर गांव के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को लिंडूर गांव के ऊपर पहाड़ी से ग्लेशियर टूटने के बाद जाहलमा नाले में एक झील बन गई थी। शुक्रवार को मौसम साफ होने के चलते झील में पानी का दबाव तेजी से बढ़ा और अचानक झील का बांधन टूट गया, जिससे नाले में भारी बाढ़ आ गई। इस बाढ़ ने खेतों तक पहुंचने वाले सिंचाई पाइप बहा दिए और कूहलों को तहस-नहस कर डाला। तलजोन, कोठी, फूड़ा, जाहलमा और हालिंग गांव के किसानों व बागवानों की मेहनत पर इस बाढ़ ने पानी फेर दिया है।
बाढ़ के साथ बहकर आए पेड़ और मलबा लोगों के लिए दहशत का कारण बन रहे हैं। खासकर लिंडूर गांव के लोग भयभीत हैं, क्योंकि यह गांव पहले से ही भूस्खलन की चपेट में है और अब नाले के नीचे बहाव तेज होने से पहाड़ी धंसने की रफ्तार और बढ़ सकती है।
प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है। हालांकि राहत कार्यों की जानकारी अभी तक नहीं आई है, लेकिन ग्रामीण एक-दूसरे से फोन पर संपर्क कर हालात का आकलन कर रहे हैं।
जाहलमा नाले में आई इस बाढ़ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पहाड़ी इलाकों में मौसम की छोटी सी करवट भी बड़े खतरे में बदल सकती है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।