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March 8, 2025
हिमाचल की बहादुर बेटियां : अंधेरों को मात दे बनाई अपनी राह, दुनियाभर के लिए बनी प्रेरणा
PM मोदी पर कर चुके हैं तारीफ, हर कोई करता है बेटियों के जज्बे को सलाम
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शिमला। हिमाचल की बेटियां आज के समय में हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बेटियां अपने साहस और हुनर से दुनियाभर में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। पढ़ाई से लेकर नौकरी तक बेटियां हर जगह अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं।
हिमाचल प्रदेश की दृष्टिबाधित बेटियों ने भी अपने साहस, संघर्ष और मेहनत से यह सिद्ध कर दिया है कि कोई भी बाधा उनकी उड़ान को रोक नहीं सकती। इन बेटियों ने न केवल अपने करियर को संवारा, बल्कि समाज में एक मिसाल भी कायम की है। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम आपको इन बेटियों के संघर्ष के बारे में बताएंगे।
राजधानी शिमला की दृष्टिबाधित मुस्कान नेगी अपनी गायिकी से धूम मचा देती हैं। मुस्कान भारतीय चुनाव आयोग की यूथ आइकॉन, गायिका हैं और वो अमेरिका में भी अपने गायन की धूम मचा चुकी हैं। वर्तमान में मुस्कान शिमला के प्रतिष्ठित RKMV में संगीत की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और वो PHD भी कर रही हैं। वहीं, शिमला की दृष्टिबाधित इतिका चौहान ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में PHD की है। वर्तमान में इतिका मतियाना के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राजनीति विज्ञान की लेक्चरर हैं।
जनजातीय जिले किन्नौर की रहने वाली दृष्टिबाधित छोनजिन आंगमो बीते साल दिव्यांगता के क्षेत्र में राष्ट्रपति से पुरस्कार हासिल करने वाली वह दूसरी हिमाचली बनी हैं। छोनजिन आंगमो दिल्ली में यूनियन बैंक में कार्यरत दिव्यांगजनों की उस टीम में अकेली महिला थीं- जिन्होंने सियाचिन ग्लेशियर पर पहुंचकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
PM नरेंद्र मोदी भी रेडियो पर मन की बात में छोनजिन की तारीफ कर चुके हैं। छोनिजन अपने हुनर के बल पर कई पदक हासिल कर चुकी हैं। छोनिजन तैराकी में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुकी हैं। छोनजिन एक अच्छी साइकिलिस्ट, फुटबॉलर और पैराग्लाइडर भी हैं।
वहीं, कांगड़ा जिले की बेटी प्रियंका ने अपनी मेहनत से साबित कर दिखाया है कि कठिन परिस्थितियों में भी हौसले से अंधेरे को दूर कर उम्मीद की लौ जगाई जा सकती है। प्रियंका ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से LLM किया और UGC-NET भी उत्तीर्ण किया दिव्यांग प्रियंका ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा पास कर पहली दिव्यांग महिला जज बनने का इतिहास रचा है। इसके अलावा कांगड़ा की निकिता चौधरी हिमाचल प्रदेश की ऐसी पहली व्हीलचेयर यूजर विद्यार्थी हैं- जो टांडा मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रही हैं।
मंडी जिले की बेटी प्रतिभा ठाकुर दृष्टिबाधित हैं। प्रतिभा को PHD के लिए नेशनल फेलोशिप भी मिली है। वर्तमान में प्रतिभा शिमला के राजीव गांधी डिग्री कॉलेज में रादनीति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। प्रतिभा को लिखने और एंकरिंग का बहुत शौक है। इसके अलावा, मंडी की दृष्टिबाधित अंजना कुमारी सुंदरनगर से कंप्यूटर डिप्लोमा में टॉपर हैं। वर्तमान में अंजना घुमारवीं में सरकारी विभाग में कार्यरत हैं।
करसोग की अंजना ठाकुर ने जूनियर रिसर्च फेलो बनकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में PHD में प्रवेश लिया। वर्तमान में अंजना राजीव गांधी डिग्री कॉलेज में बॉटनी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
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