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February 7, 2025

हिमाचल : फास्ट फूड का काम करते हैं माता-पिता, बेटी ने थामा HRTC बस का स्टीयरिंग

अंजू को बस चलाते देख हर कोई हुआ दंग

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HRTC Bus Driver Anju

कागंड़ा। हिमाचल प्रदेश की बेटियां हर कदम पर बेटों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं। आज के समय में सूबे की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। बस ड्राइवरी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें महिलाओं की संख्या लगभग शून्य है- अब उसमें भी सूबे की बेटियां खूब नाम कमा रही हैं।

 

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की एक बेटी पर ये लाइनें खूब फिट बैठती हैं कि- उड़ान तो भरनी ही है, चाहे कितनी बार गिरना पड़े। सपने तो पूरे करने हैं, चाहे रातों की नींद कम करनी पड़े। भरमौर की रहने वाली अंजू देवी ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है।

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हेवी व्हीकल ड्राइवर अंजू

दरअसल, अंजू ड्राइविंग में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। अंजू एक हेवी व्हीकल ड्राइवर बन गई हैं। अंजू की हाइट महज 5 फुट है। ऐसे में अंजू के बस दौड़ाते देखकर हर कोई दंग है। क्षेत्र में हर तरफ अंजू के बस चलाने को लेकर चर्चा हो रही है।

नेशनल हाईवे पर निकाली बस

आपको बता दें कि अंजू HRTC के जसूर डिपो के ड्राइविंग स्कूल में पिछले कुछ महीनों से बस चलाने का प्रशिक्षण ले रही है। नतीजन अब वो खुद बस चला रही है। बीते कल उसने खुद वर्कशॉप से बाहर नेशनल हाईवे पर बस निकाली। महज 5 फुट की कद-काठी वाली यह बेटी का आत्मविश्वास देख हर कोई दंग था।

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हर कोई रह गया हैरान

अंजू को बस चलाते देखने के लिए वहां पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। अंजू ने डिपो से बस को बहुत अच्छे से स्टार्ट करके बाहर निकाला। अंजू को बस चलाते हुए देख कर सड़क पर चलने वाले हर वाहन चालक हैरान रह गया। अंजू की ड्राइविंग स्किल्स देखकर हर कोई दंग है। अंजू ने अपनी ट्रेनिंग का पहला चरण पूरा कर लिया है। अब उसका अगला लक्ष्य पहाड़ी रास्तों पर वॉल्वो बस चलाना है।

फास्ट फूड का काम करते हैं माता-पिता

वर्तमान में अंजू देवी गंगथ कस्बे में रह रही है। अंजू के माता-पिता फास्ट फूड का काम करते हैं। अंजू के माता-पिता ने बताया कि अंजू को बचपन से ही गाड़ियों का शौक था। यही शौक अब उसके जुनून में बदल गया है। उसने अपनी मेहनत के दम पर आज अपने सपने को सच कर दिखाया है। अंजू ने जिद्द से जुनून तक का सफर अपनी मेहनत के दम पर पूरा किया।

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बचपन से था सपना

अंजू देवी ने बताया कि उसका बचपन से सपना था कि वो भारी वाहन चलाए। खासतौर पर वोल्वो बस चलाएं। ऐसे में उसने पहले हल्के वाहन चलाने सीखे। फिर उसने बस चलाने की ट्रेनिंग हासिल की।

जज्बे की हर कोई कर रहा तारीफ

उधर, HRTC जसूर कार्यशाला के तकनीकी अधिकारी अक्षय धीमान ने भी अंजू के जज्बे की सराहना की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है और इसका बेहतरीन उदाहरण अंजू है। उन्होंने कहा कि अंजू ने ये साबित कर दिखाया है कि कोई भी काम कठिन नहीं होता है। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में किसी पीछे नहीं हैं। मेहनत करने पर लड़कियां कोई भी बड़े से बड़ा काम आसानी से कर सकती हैं।

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पहली महिला ट्रक ड्राइवर

विदित रहे कि सोलन जिले की नीलकमल ठाकुर एक हेवी व्हीकल ड्राइवर हैं। वह हिमाचल प्रदेश की पहली महिला ट्रक ड्राइवर हैं। उनके सिर से पति का साया उठा तो उन्होंने कार का स्टेयरिंग छोड़कर आजीविका के लिए ट्रक का स्टेयरिंग संभाल लिया। नीलकमल पिछले करीब आठ साल से खुद ट्रक चला रही हैं। अब नीलकमल ट्रक लोड करके चंडीगढ़, मनाली, सिरमौर, ऊना, रोहतांग व किन्नौर तक सफर कर लेती हैं।

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