#विविध
September 5, 2025
खतरे में हिमाचल का लिप्पा गांव, खड्ड ने बदला रूख, रिहायशी इलाके के बीचों बीच बन गई झील
हिमाचल में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
शेयर करें:
रिकांगपिओ, (किन्नौर)। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे राज्य में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन, नदियों में उफान और सड़कों के टूटने से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, वहीं किन्नौर जिले के लिप्पा गांव में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
वीरवार को लिप्पा गांव की पेजर खड्ड में अचानक आए उफान ने न केवल लोगों को डराया बल्कि गांव के बीचोंबीच झील जैसी स्थिति पैदा कर दी। बारिश के साथ आई भारी मात्रा में मलबा और पत्थरों ने पानी की निकासी को अवरुद्ध कर दिया, जिससे नाले में पानी रुक गया और गांव के समीप एक कृत्रिम झील बन गई है। इससे आसपास के रिहायशी इलाकों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
यह भी पढ़ें : युवक के लिए NHAI-प्रशासन ने झोंकी ताकत, 40 मशीनों से खोला NH; 3 घंटे में कुल्लू से AIIMS पहुंचाया
हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन गांव के लगभग पांच घरों की निचली मंजिलों में पानी और मलबा घुस गया है। वहीं, करीब दो दर्जन सेब उत्पादकों के बागीचों को भारी नुकसान पहुंचा है। पांच सिंचाई कूहलें और दो पेयजल स्रोत भी इस आपदा की चपेट में आ गए हैं, जिससे ग्रामीणों को पेयजल और सिंचाई की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
लिप्पा पंचायत प्रधान हर्षा नेगी ने बताया कि अचानक आई इस बाढ़ ने गांव की सुरक्षा को संकट में डाल दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि गांव से झील के पानी की शीघ्र निकासी के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
घटना की सूचना मिलते ही एडीएम पूह रविंद्र सिंह ठाकुर मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि झील के पानी की निकासी के लिए लोक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं और जल्द ही राहत कार्य शुरू किए जाएंगे।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : पति के बाद अब 24 साल के बेटे ने छोड़ी दुनिया, मां का था इकलौता सहारा
हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदाओं की गंभीर चपेट में है। मौसम विभाग ने राज्य के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। कई स्थानों पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई है और लोगों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
यह भी पढ़ें : कुल्लू लैंडस्लाइड: मलबे में तीन लोगों की टु*क*ड़ों में मिली देह, 3 अभी भी लापता
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं अब अधिक बार देखने को मिल रही हैंए जिसके लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है। लिप्पा जैसे संवेदनशील गांवों में ऐसी घटनाएं भविष्य में बड़े खतरे का संकेत हैं। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन किस तेजी से इस आपदा का समाधान निकाल पाते हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित माहौल प्रदान कर पाते हैं।