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September 8, 2025
हिमाचल में फिर होगी तेज बारिश, अलर्ट पर 9 जिले- जानें कब कमजोर पड़ेगा मानसून
दो नेशनल हाईवे समेत 824 सड़कें अभी भी बंद हैं
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बीते कल मौसम साफ रहा। बारिश ना होने के चलते लोगों ने राहत की सांस ली। कल कई जगहों पर इतनी तेज धूप निकली थी कि लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा। मगर अब इसी बीच मौसम विभाग ने एक बार हिमाचल में बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है।
मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 9 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना और हमीरपुर शामिल हैं। जबकि चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को फिलहाल इस चेतावनी से बाहर रखा गया है।
विभाग ने चेतावनी दी है कि 9 जिलों के कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हो सकती है- जिससे नदियां-नाले उफान पर आ सकते हैं। हालांकि, कल से प्रदेश में तीन दिन के लिए मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
अब तक हुई भारी बारिश ने प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 4080 करोड़ रुपए से अधिक की निजी और सरकारी संपत्ति नष्ट हो चुकी है। इस मानसून सीजन में 1194 घर पूरी तरह ढह गए, जबकि 5077 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इन घटनाओं ने सैकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया है और हजारों लोग अब भी असुरक्षा की स्थिति में जीने को मजबूर हैं।
भारी बारिश का सबसे बड़ा असर सड़क मार्गों पर पड़ा है। दो नेशनल हाईवे समेत 824 सड़कें अभी भी बंद हैं। इनमें से कई सड़कों पर 10 दिनों से लगातार आवाजाही बंद है। इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। न केवल आम लोगों की आवाजाही ठप है, बल्कि आवश्यक वस्तुओं और दवाइयों की सप्लाई पर भी असर पड़ा है।
राज्य सरकार और प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग लगातार सड़कें बहाल करने में जुटा है, वहीं बिजली और पानी की बहाली को लेकर भी टीमें तैनात हैं।
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा न करें और खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहें। हिमाचल में मानसून की तबाही इस बार फिर यह साफ कर रही है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और आपदा प्रबंधन के लिए मजबूत ढांचे और समय पर चेतावनी प्रणाली कितनी जरूरी है। फिलहाल लोगों की निगाहें आने वाले तीन दिनों पर टिकी हैं, जब मानसून के कमजोर होने की संभावना है।