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July 24, 2025
हिमाचल के जलरक्षकों को सुक्खू सरकार का तोहफा, डिप्टी सीम ने किया बड़ा ऐलान; जानें
जल शक्ति विभाग में कार्यरत 1400 जल रक्षकों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जल रक्षकों को प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है। प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग में वर्षों से सेवा दे रहे जल रक्षकों को एक विशेष तोहफा देने का ऐलान किया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा की है कि विभाग में 12 साल की सेवा पूरी कर चुके जल रक्षकों को अब पंप अटेंडेंट के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इस निर्णय से लगभग 1400 जल रक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा, जिनकी लंबे समय से स्थायीकरण और पदोन्नति की मांग रही है।
मुकेश अग्निहोत्री ने इस बारे में जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की और कहा कि यह मामला जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उन्होंने लिखा, हमारे जल रक्षक आपदाओं के समय भी बेहद समर्पण से काम कर रहे हैं। वे लगातार पत्र लिखकर अपने स्थायीकरण की मांग कर रहे थे और हमने उनकी बात को गंभीरता से सुना है।
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इस समय हिमाचल प्रदेश भीषण मानसूनी आपदाओं से जूझ रहा है, जिससे प्रदेश में अब तक 1382 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अकेले जल शक्ति विभाग को ही करीब 488 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। बाढ़ और भूस्खलन के चलते प्रदेश की सैकड़ों पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैंए जिनमें से अभी भी 221 योजनाएं बाधित हैं। जिला मंडी की स्थिति सबसे गंभीर हैए जहां 65 पेयजल योजनाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं।
ऐसे कठिन समय में जल रक्षक लगातार फील्ड में रहकर पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हैं। उनकी भूमिका न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण रही है बल्कि आपदा के समय लोगों को राहत देने में भी अहम रही है। इसी समर्पण को देखते हुए सरकार ने उनके प्रमोशन का फैसला लिया है।
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उपमुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के तहत कार्यरत 500 से अधिक कर्मचारियों के वेतन के लिए राज्य सरकार ने 4.25 करोड़ रुपये जारी किए हैं, क्योंकि केंद्र से अनुदान की राशि अब तक नहीं आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से जल जीवन मिशन के तहत लंबित 1200 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने की मांग की है।
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इसके अतिरिक्त आपदा राहत के तहत सरकार ने 53 करोड़ रुपये फील्ड स्तर पर भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार मंडी जिले के सराज क्षेत्र में मरम्मत कार्यों के लिए 2 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। साथ ही, पेयजल परियोजनाओं के लिए आवश्यक पाइपों की खरीद हेतु 60 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
जल रक्षक लंबे समय से अपनी सेवाओं को स्थायी करने और उच्च पदों पर पदोन्नति की मांग कर रहे थे। आपदा के समय उनके काम ने सरकार को यह सोचने पर मजबूर किया कि इन जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को उचित सम्मान और स्थायित्व मिलना चाहिए।