#उपलब्धि
July 23, 2025
हिमाचल के उत्कर्ष की देशभर में चमक- JRF परीक्षा में मारी बाजी, टॉप कर बढ़ाया परिवार का मान
दिल्ली विश्वविद्यालय में कर रहे हैं स्नातकोत्तर
शेयर करें:
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के होनहार युवा उत्कर्ष शर्मा ने संगीत क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए UGC-NET JRF परीक्षा में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सफलता उन्हें दूसरे प्रयास में मिली, जिसमें उन्होंने 300 में से 240 अंक अर्जित कर अपनी प्रतिभा और मेहनत का लोहा मनवाया। उत्कर्ष की इस उपलब्धि से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा प्रदेश गर्व से भर गया है।
उत्कर्ष वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने हिंदू कॉलेज से स्नातक किया, जहां कॉलेज में वे पहले स्थान पर और पूरे विश्वविद्यालय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे। उनकी यह शैक्षणिक यात्रा ही नहीं, बल्कि संगीत में निरंतर सफलता की कहानी भी प्रेरणादायक है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल के सराज में 27 अभी भी लापता, सेना और NDRF की टीमें वापस लौटी- अब ये संभालेंगे जिम्मा
उत्कर्ष ने राज्य स्तरीय संगीत प्रतियोगिताओं में लगातार पांच वर्षों तक प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही, हरि वल्लभ संगीत प्रतियोगिता में भी वे जूनियर वर्ग (2016) और सीनियर वर्ग (2018) में उपविजेता रह चुके हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रतियोगिताओं में उन्होंने शास्त्रीय गायन, सुगम संगीत और हारमोनियम जैसी श्रेणियों में कुल आठ बार स्थान पाया जिसमें चार बार प्रथम, तीन बार द्वितीय और एक बार तृतीय स्थान रहा।
पढ़ाई के साथ-साथ उत्कर्ष बेंगलुरु, दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, देहरादून, शिमला, सिलीगुड़ी और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों में मंचीय प्रस्तुतियां देकर संगीत की दुनिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ओपन यूथ फेस्टिवल में भी वे दो बार पहले स्थान पर रह चुके हैं।
यह भी पढ़ें : IMD अलर्ट: हिमाचल में मौसम फिर बिगड़ेगा, इन जिलों में होगी भारी बारिश- जानें ताजा अपडेट
अपनी सफलता का श्रेय उत्कर्ष ने अपने माता-पिता प्रसिद्ध संगीतज्ञ और पूर्व प्रधानाचार्य अनूप शर्मा और ऋचा शर्मा को दिया है। साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के गुरुजनों डॉ. विनीत गोस्वामी, डॉ. राजपाल सिंह, डॉ. अलीश मोहन, प्रो. अनन्या कुमार डे और प्रो. उजेश प्रताप सिंह का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने अपने दादा गुरु पंडित भीमसेन शर्मा को भी श्रद्धापूर्वक याद करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन ने उन्हें संगीत में नई दिशा दी।