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August 12, 2025
हिमाचल राज्यसभा चुनाव मामला: हाईकोर्ट का हर्ष महाजन को बड़ा आदेश; जानें डिटेल
पर्ची सिस्टम से हुआ था फैसला, कांग्रेस प्रत्याशी ने मनु सिंघवी ने दी है चुनौती
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की नींव हिलाने वाले राज्यसभा सीट के चुनाव को हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जिस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए पर्ची सिस्टम से राज्यसभा सीट जीतने वाले भाजपा के हर्ष महाजन को बड़ा आदेश दिया है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने चुनाव हारने वाले कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के उठाए मुद्दों पर हर्ष महाजन को प्रतिक्रिया देने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें उन्होंने हर्ष महाजन के निर्वाचन को चुनौती दी है।
वर्ष 2024 में हिमाचल की राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में हर्ष महाजन और अभिषेक मनु सिंघवी को समान रूप से 34-34 मत प्राप्त हुए थे। इस स्थिति में निर्वाचन अधिकारी ने लाटरी प्रणाली का सहारा लिया और संचालन नियम 1961 के नियम 75(4) और नियम 81(3) के तहत हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया। लेकिन सिंघवी ने इस पूरी प्रक्रिया को कानून के विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनाव को चुनौती दी।
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हाईकोर्ट में जस्टिस बीसी नेगी की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सिंघवी की ओर से यह तर्क दिया गया कि जब उम्मीदवारों को बराबर मत मिले थे, तब परिणाम तय करने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 65 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी, न कि लाटरी के आधार पर।
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सिंघवी का कहना है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने न केवल इस धारा की अनदेखी की बल्कि नियम 75(4) और 81(3) का त्रुटिपूर्ण प्रयोग किया, जिससे चुनाव परिणाम भौतिक रूप से प्रभावित हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला पूरी तरह कानूनी प्रावधानों की सही व्याख्या से जुड़ा है और इस पर न्यायालय को प्रारंभिक विचार करना चाहिए।
सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि भले ही दोनों पक्षों ने उस प्रक्रिया में भाग लिया हो, लेकिन कानून के विरुद्ध किसी कार्य की सहमति देने से कानून का प्रभाव खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारी भी कानून के विपरीत कार्य करने के लिए स्वतंत्र नहीं है, और अगर ऐसी स्थिति में कोई पक्ष अदालत के समक्ष आता है, तो उसे न्याय पाने से रोका नहीं जा सकता।
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद हर्ष महाजन को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के सही प्रावधानों की व्याख्या से जुड़ा है और इसके कानूनी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।