#विविध
June 30, 2025
सावधान हिमाचल ! 8 जिलों में भारी बारिश का 'रेड अलर्ट'- भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ा
लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक आवाजाही से बचने की कड़ी चेतावनी दी है।
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने बीती रात से जबरदस्त कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बीती रात करीब पौने 12 बजे से लेकर अब तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की तीव्र सक्रियता को देखते हुए प्रदेश के लिए इस सीजन का पहला रेड अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश के कई जिलों में आज शाम 6 बजे तक रेड अलर्ट घोषित किया है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक आवाजाही से बचने की कड़ी चेतावनी दी है।
रेड अलर्ट की चेतावनी विशेष रूप से ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों को जारी की गई है। वहीं, चंबा और कुल्लू में भी कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, इन इलाकों में अगले कुछ घंटों में फ्लैश फ्लड, वाटर लॉगिंग और भूस्खलन जैसी आपदाएं सामने आ सकती हैं।
बारिश के प्रभाव को देखते हुए मंडी, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में आज सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसी प्रकार, मनाली उपमंडल के स्कूलों में भी स्थानीय प्रशासन ने छुट्टी की घोषणा की है। प्रशासन द्वारा स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को नदी-नालों के पास न जाने, पहाड़ी ढलानों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सख्त सलाह दी गई है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में यहां फटा पहाड़, नाले में आई बाढ़, चार जिलों में भारी बारिश का "रेड अलर्ट"
बीते 24 घंटों में प्रदेश के 10 जिलों में तेज बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे जमीन की सतह में अत्यधिक नमी आ गई है। यह स्थिति भूस्खलन की गंभीर आशंका को जन्म दे रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जो पहले से भू-संवेदनशील माने जाते हैं।
भारी बारिश के कारण प्रदेश में 129 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। इसके अलावा 612 ट्रांसफॉर्मर भी बंद पड़े हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि हर व्यक्ति को अत्यंत सतर्क रहना चाहिए। जिन क्षेत्रों में जलभराव, भूस्खलन या नदी-नालों का उफान देखा जा रहा है, वहां जाना खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है, और राहत व बचाव दल पूरी तरह अलर्ट पर हैं।
प्रदेशवासियों से अपील की गई है कि वे आपदा या आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन या आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें और किसी भी भ्रामक सूचना से बचें।
मानसून की यह पहली बड़ी चुनौती है, जो पूरे हिमाचल को अलर्ट पर ले आई है। आने वाले दिन और भी कठिन हो सकते हैं, इसलिए सावधानी और सतर्कता ही फिलहाल सबसे बड़ा हथियार है।