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September 13, 2025

हिमाचल के लिए अगले  48 घंटे भारी- गर्जन के साथ बरसेंगे बादल, येलो अलर्ट जारी

नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ने की संभावना

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Himachal Weather Update

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और रुक-रुककर हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले दो दिन यानी शनिवार 13 सितंबर और रविवार 14 सितंबर को प्रदेश के मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। वहीं, कुछ जगहों पर भारी वर्षा के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने का भी खतरा है।

इन जिलों के लिए अलर्ट जारी

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों के दौरान भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध होने की स्थिति बन सकती है। साथ ही नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ने की संभावना है। इसी वजह से लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है। 13 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिले में एक-दो स्थानों पर तेज हवाओं और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

 

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वहीं मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में भारी बारिश के साथ आंधी-तूफान और बिजली चमकने का अनुमान है। 14 सितंबर को भी ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, शिमला और सोलन जिले में येलो अलर्ट रहेगा। इसके साथ ही कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिले में भारी वर्षा और तेज हवाओं का खतरा बना रहेगा।

मानसून ने ली 386 लोगों की जान

इस बार मानसून सीजन हिमाचल के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ है। 31 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 386 लोगों की मौत बारिश और आपदाओं से हो चुकी है। 451 लोग घायल हुए हैं और 41 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

 

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करोड़ों का नुकसान

भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं से हिमाचल को अब तक 4465.93 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

538 पक्के और 834 कच्चे मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं।
1878 पक्के और 4005 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

 

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तीन नेशनल हाईवे समेत करीब 500 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं।
336 पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है।

जनता से प्रशासन की अपील

आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं, पहाड़ी मार्गों पर यात्रा करते समय सतर्कता बरतें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें।

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