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September 12, 2025

लोगों के कंधों पर सुक्खू सरकार के दावे, 10 KM पालकी में डाल अस्पताल पहुंचाई बीमार महिला

ग्रामीण संपर्क मार्गों को किया जा रहा नजर अंदाज!

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Mandi Disaster

मंडी। हिमाचल प्रदेश में आई बारिश ने मंडी जिले के कई इलाकों की तस्वीर ही बदल दी है। लगातार हो रहे भूस्खलन और भारी बारिश से जहां खेत-खलिहान प्रभावित हुए हैं, वहीं सड़कों का बुरा हाल हो गया है। एक तरफ जहां लोगों को रोजमर्रा के जरूरी सामान के लिए जूझना पड़ रहा है, वहीं महिलाओं, बच्चों और बुजर्गों के बीमार होते अस्पताल ले जाने में ग्रामीणों को मुसीबतें खड़ी हो रही हैं।

मरीजों को अस्पताल ले जाने में दिक्कत

जानकारी के अनुसार, जिला मंडी के तहत आते बालीचौकी उपमंडल सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी हुई है। गांवों से मुख्य सड़क तक मरीजों को ले जाना बेहद कठिन काम हो गया है। कई बार ग्रामीणों को मरीजों को कुर्सी पर बांधकर या अस्थायी पालकी बनाकर 10 से 12 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है।

 

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मामला खणी पंचायत के नेहरा गांव में सामने आया, जहां फागनी देवी नाम की महिला अचानक बीमार हो गईं। हालत गंभीर होने पर ग्रामीणों ने मिलकर उन्हें कुर्सी-पालकी के सहारे कठिन पहाड़ी रास्ता तय करवाया और किसी तरह गाड़ी तक पहुंचाया। इसके बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया जा सका।

संपर्क मार्गों को किया जा रहा नजर अंदाज

इसके अलावा कांढ़ा और खणी पंचायत की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है। इन पंचायतों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें कई दिनों से बंद हैं। नतीजा यह है कि लोगों को रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे राशन, पीने का पानी और अन्य सामान पहुंचाने में भारी दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

 

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गांव के लोग बताते हैं कि सरकार और प्रशासन का ध्यान मुख्य सड़कों की बहाली पर ज्यादा है, जबकि ग्रामीण संपर्क मार्गों को अभी भी नजर अंदाज किया जा रहा है। ग्रामीणों ने मांग उठाई है कि सरकार जल्द से जल्द गांवों को जोड़ने वाली टूटी सड़कों को बहाल करे, ताकि ऐसी आपात स्थितियों में लोगों की जान जोखिम में न पड़े।

लाचार हुए ग्रामीण

यह हालात साफ दिखाते हैं कि आपदा का असर सिर्फ इमारतों या खेतों तक सीमित नहीं है, बल्कि दूर-दराज के लोगों की जिंदगी और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सीधा असर पड़ रहा है। ग्रामीण अब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचे और जल्द राहत मिले।

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