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March 29, 2025

हिमाचल में नवरात्र की धूम: 108 प्रकार का भोग, सुबह 4 बजे खुल जाएंगे मंदिरों के कपाट- जानें

बज्रेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान शत चंडी महायज्ञ का आयोजन

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शिमला। चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है और प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में मां दुर्गा के दरबार को सजाने की तैयारी तेज हो गई है। 30 मार्च से 6 अप्रैल तक इन शक्तिपीठों में विशेष पूजा-अर्चना, भोग अर्पित करने और आरतियों का आयोजन होगा। इस दौरान श्रद्धालु मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करेंगे, और विशेष रूप से नवरात्रि के इन आठ दिनों में देवी के दर्शन का महत्व बढ़ जाता है।

चिंतपूर्णी मंदिर: रात 11 से 12 बजे तक बंद रहेगा मंदिर

चिंतपूर्णी मंदिर में चैत्र नवरात्र के दौरान खास व्यवस्था की गई है। मंदिर रात 11 से 12 बजे तक बंद रहेगा, जबकि अन्य समय में श्रद्धालु देवी के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के बिरादरी सभा के प्रधान रविंद्र छिंदा के अनुसार, सुबह चार बजे मां का स्नान होगा, इसके बाद श्रृंगार और आरती की जाएगी। दोपहर 11 से 12 बजे तक मंदिर बंद रहेगा, जब माता को भोग अर्पित किया जाएगा। शाम को सात बजे फिर से स्नान और श्रृंगार होगा, जिसके बाद आरती और रात का भोग अर्पित किया जाएगा।

 

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श्री चामुंडा मंदिर: अष्टमी पर विशेष पूजा

श्री चामुंडा देवी मंदिर में अष्टमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 108 प्रकार के भोग अर्पित किए जाएंगे। मंदिर के पुजारी ओम व्यास के अनुसार, मंदिर सुबह साढ़े पांच बजे खुलेगा और रात को दस बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। सुबह साढ़े चार बजे स्नान के बाद देवी का श्रृंगार होगा और 8 बजे आरती होगी। माता को हलवा, चने, दाल-चावल और शाम को भोग अर्पित किया जाएगा।

श्री नयनादेवी मंदिर: चार आरतियों का आयोजन

श्री नयनादेवी मंदिर में नवरात्र के दौरान एक साथ चार आरतियों का आयोजन किया जाएगा। पुजारी तरुणेश शर्मा के अनुसार, रात 12 से दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा, जब देवी का स्नान और श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद दिन में दोपहर 12 से साढ़े 12 बजे और शाम को माता को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा, जिसमें हलवा, चने, पूरी, बर्फी, मेवा और फल शामिल होंगे।

श्री ज्वालामुखी मंदिर: पूजा का विशेष आयोजन

श्री ज्वालामुखी मंदिर में सुबह चार बजे कपाट खोल दिए जाएंगे और रात भर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। पुजारी अनिल शर्मा ने बताया कि पूजा में स्नान और श्रृंगार के बाद मंगल आरती और प्रातः कालीन आरती का आयोजन किया जाएगा। सुबह देवी को मालपूड़े, पीले चावल और दही का भोग अर्पित किया जाएगा। दोपहर में दाल-चावल और शाम को पूरी-चने का भोग अर्पित किया जाएगा।

 

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श्री बज्रेश्वरी मंदिर: नवरात्र पर शत चंडी महायज्ञ

श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान शत चंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन सुबह तीन बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। हर दिन देवी का स्नान, श्रृंगार और आरती के बाद भोग अर्पित किया जाएगा। विशेष रूप से चना-पूरी, मेवे और दूध का भोग, चावल- दाल- सब्जी का भोग और शाम को चना-पूरी का भोग अर्पित किया जाएगा।

 

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नवरात्र में विशेष उत्सव

इन पांच शक्तिपीठों में नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा, श्रृंगार, और भोग का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। माता की पूजा में हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल होने की संभावना है, जो दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां पहुंचेंगे।

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