#अपराध
March 29, 2025
हिमाचल में इंटरकास्ट मैरिज पर उपजा विवाद: SC लड़के पर ब्राह्मण लड़की को भगाने का आरोप, थाने पहुंचा मामला
सिरमौर में इंटरकास्ट मैरिज को लेकर माहौल तनावपूर्ण
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के राजगढ़ में एक इंटरकास्ट मैरिज को लेकर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। लड़की और लड़के के परिवारों के बीच बढ़ते विवाद ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। शुक्रवार को देवभूमि क्षत्रिय संगठन के सदस्यों और लड़की के परिवार ने मिलकर पुलिस थाने का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन किया।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को राजगढ़ पुलिस थाने का घेराव किया। उन्होंने पुलिस से यह मांग की कि लड़की को जब तक उसके परिजनों के पास नहीं सौंपा जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। संगठन और लड़की के परिजनों का आरोप है कि इस मामले में कुछ गड़बड़ी की गई है और शादी के प्रमाण पत्र को लेकर भी विवाद है।
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मामला उस समय शुरू हुआ जब राजगढ़ के कनेच गांव के अनुसूचित जाति के एक लड़का ने मांडिया घाट निवासी एक ब्राह्मण लड़की से 26 मार्च को शादी कर ली। दोनों ने नाहन में पंडित के समक्ष शादी की और 27 मार्च को एसपी से सुरक्षा की मांग की। इंटरकास्ट शादी के कारण स्वर्ण समाज के लोगों में गुस्सा देखने को मिला, जिन्होंने इस शादी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
लड़की के परिवार ने आरोप लगाया है कि पंडित द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र में समय और तारीख में धांधली की गई है। उनका कहना है कि उनकी बेटी 26 मार्च को दोपहर तक राजगढ़ के एक कंप्यूटर सेंटर पर थी और उसके बाद घर लौटने में समय लगा, लेकिन शादी का प्रमाण पत्र उसी दिन शाम पांच बजे का है। परिवार का कहना है कि इस तरह से यह प्रमाण पत्र फर्जी हो सकता है।
प्रदर्शन के दौरान लड़की के पिता को चक्कर आ गए और वह गिरकर बेसुध हो गए। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। लड़की के परिवार का कहना है कि इस पूरी घटना ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत परेशान किया है।
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राजगढ़ पुलिस के डीएसपी वीसी नेगी ने स्पष्ट किया कि लड़का और लड़की दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। दोनों ने एसपी से सुरक्षा की मांग की है, और पुलिस इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा कि लड़की को जबरन उसके परिजनों के पास नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि वह अपनी स्वतंत्र इच्छा से विवाह करने के लिए सक्षम है।
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इस घटना ने न केवल राजगढ़, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में सामाजिक विवाद को जन्म दिया है। विभिन्न संगठनों और समुदायों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। खासतौर पर ब्राह्मण और अनुसूचित जाति समुदाय के बीच इस मुद्दे ने तनाव को और बढ़ा दिया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के विरोध के बावजूद, पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है।