#विविध
December 5, 2025
IGMC के डॉक्टरों की करामात - 4 साल से ड्यूटी पर नहीं, प्राइवेट क्लिनिक खोल लूट रहे ऐश
हेल्थ डिपार्टमेंट का कड़ा एक्शन, प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप पक्के
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल के प्रीमियम अस्पतालों IGMC और AIMM चमियाणा में वर्षों से चल रही डॉक्टरों की करामात आखिरकार पकड़ में आ गई। सरकारी ड्यूटी छोड़कर कहीं प्राइवेट प्रैक्टिस, तो कहीं बिना अनुमति एम्स तक ज्वाइन कर लेने वाले चार असिस्टेंट प्रोफेसर हेल्थ डिपार्टमेंट की कड़ी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। जिसके बाद चिकित्सा संस्थानों में हड़कंप मच गया है।
स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, IGMC शिमला और AIMM चमियाणा में तैनात 4 डॉक्टरों को गंभीर अनुशासनहीनता के आरोपों पर सस्पेंड किया गया है। विभागीय जांच में सामने आया कि ये सभी डॉक्टर बिना अनुमति महीनों-सालों तक ड्यूटी से नदारद रहे और निजी स्तर पर काम करते रहे।
यह भी पढ़ें : मणिकर्ण में बिजली महादेव का शाही स्नान- देवपरंपरा ने खड़े किए रोंगटे, सैकड़ों भक्त हुए भावुक
CTVS विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विकास कुमार 31 जुलाई 2022 से बिना अनुमति ड्यूटी पर नहीं आए। जांच में पाया गया कि उन्होंने सेवा छोड़े बिना एम्स बिलासपुर में एसोसिएट प्रोफेसर का पद ज्वाइन कर लिया था। 3 साल से अधिक गैरहाजिरी और नोटिसों पर संतोषजनक जवाब न देने के बाद उनकी सेवाएं सीसीएस (सीसीए) नियम-19 के तहत समाप्त कर दी गईं।
कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. कुनाल महाजन 1 अक्टूबर 2021 से अनुपस्थित पाए गए। 4 साल के लंबे अंतराल में उन्होंने न तो विभागीय नोटिसों का जवाब दिया और न ही ड्यूटी जॉइन की। सरकार ने उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दीं, साथ ही स्पष्ट कर दिया कि वे अपने पद पर पुनर्नियुक्ति का दावा नहीं कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें : कांगड़ा-शिमला बराबर कर रहे CM सुक्खू: 2 और दफ्तर लोअर हिमाचल में शिफ्ट हुए
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. तुषार पाटियाल 31 अक्टूबर 2024 से बिना अनुमति ड्यूटी से गायब थे। एक वर्ष के इंतजार और जवाब न मिलने पर उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी गईं।
बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार 2 अगस्त 2022 से ड्यूटी से नदारद पाए गए। जांच में पता चला कि उन्होंने एम्स बठिंडा में एसोसिएट प्रोफेसर का पद बिना NOC और बिना रिलीविंग ऑर्डर के ज्वाइन कर लिया था। इसे विभाग ने गंभीर अनुशासनहीनता माना और उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दीं।
यह भी पढ़ें : वित्तीय संकट के बीच CM सुक्खू के सलाहकारों की मौज: वेतन-भत्तों की लिस्ट सामने आई
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सरकारी सेवा में रहते हुए ड्यूटी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस या अन्य संस्थानों में शामिल होना नियमों का सीधा उल्लंघन है, और आगे भी इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।