#धर्म
December 5, 2025
मणिकर्ण में बिजली महादेव का शाही स्नान- देवपरंपरा ने खड़े किए रोंगटे, सैकड़ों भक्त हुए भावुक
भक्तों ने भी गर्म चश्मों में लगाई डुबकी
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण ने एक अद्भुत और विरले दृश्य का साक्षात दर्शन किया। जब बिजली महादेव अपने पूरे लाव-लश्कर, शाही ठाठ और देव परंपरा के साथ मणिकर्ण पहुंचे और पवित्र गर्म चश्मों में शाही स्नान किया, तो माहौल भक्ति, उल्लास और देव आस्था से भर गया। दूर-दूर से आए हारियान क्षेत्र के लोगों ने इस देव कारज को अपनी आंखों से देखा और खुद को धन्य माना।
बता दें कि बिजली महादेव पिछले तीन दिनों से अपने देवालय से शाही यात्राओं के क्रम में रवाना हुए थे। वीरवार को वे मणिकर्ण पहुंचे, जहां देवता का पारंपरिक और पवित्र शाही स्नान सम्पन्न हुआ। इस दौरान मणिकर्ण की गलियों और चश्मों के किनारे हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। हारियान क्षेत्र से आई बड़ी संख्या ने इस देव कारज में भाग लेकर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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शाही स्नान के बाद भक्तों ने भी मणिकर्ण के पवित्र गर्म पानी के चश्मों में डुबकी लगाकर स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस किया। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि यह अवसर वर्षों में कभी-कभार आता है और इसे अपनी आंखों से देखना ही सबसे बड़ा सौभाग्य है।
शाम को बिजली महादेव डूंखरा पहुंचे, जहां उनका रात्रि प्रवास रहा। शुक्रवार को देवता पीणी गांव पहुंचेंगे, जहां स्थानीय लोगों का विशेष आग्रह है कि महादेव एक दिन और ठहरें। देवपरंपरा के अनुसार फैसला देवता के आदेश पर निर्भर करेगा।
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स्थानीय लोगों ने बताया कि बिजली महादेव का यह स्नान सामान्य घटना नहीं होता। देवता जब आदेश देते हैं, तभी शाही स्नान की तिथि तय होती है। इस बार भी देवता ने विशेष देव आदेश दिया, जिसके बाद यह ऐतिहासिक देवयात्रा संभव हुई।
शाही स्नान के बीच उस घटना की यादें फिर ताजा हुईं जब कुछ समय पहले आकाशीय बिजली ने सीधे शिवलिंग पर आघात किया था। परंपराओं के अनुसार बिजली महादेव जगत के संकटों को आसमानी बिजली के रूप में स्वयं पर लेते हैं। उस हादसे के बाद देव समाज ने राज दरबार से पगड़ी मंगवाकर और हारियान क्षेत्र से जुटाए गए मक्खन से शिवलिंग को पूर्व अवस्था में स्थापित किया था। यही मान्यता धार्मिक आस्था को और भी प्रगाढ़ करती है।