#विविध
November 2, 2025
हिमाचल में साल बाद हुआ अद्भुत मिलन- भक्तों संग बड़े भाई देव शिरगुल से मिलने पहुंचे विजट महाराज
सिरमौर से शिमला तक उमड़ी आस्था की भीड़
शेयर करें:

सिरमौर। देवठाण एकादशी एक ऐसा पर्व जब नींद से देवता जागते हैं और हमारे हिमाचल में भी इसकी धूम देखने को मिलती है। इस बार भी वही पावन क्षण दोहराया गया जब सराहां के विजट महाराज अपने बड़े भाई शिरगुल महाराज से मिलने चूड़धार पहुँचे। सुबह की ठंडी हवा, चांदी के वाद्य यंत्रों की गूंज और हजारों भक्तों की जयकारों के बीच यह देव यात्रा एक अनोखे अध्यात्मिक संगम में बदल गई।
शनिवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सराहां से निकलकर विजट महाराज की डोली चूड़धार की ओर रवाना हुई। देवता को शाही पोशाक में सजाया गया, और ढोल-नगाड़ों के बीच भक्त फूल बरसाते चले। जैसे-जैसे डोली ऊंचाई की ओर बढ़ती गई, श्रद्धा और उत्साह की लहर भी बढ़ती गई।
कहते हैं, जब दोनों देव भाई आमने-सामने आते हैं, तो चूड़धार की चोटियों पर एक अनकही दिव्यता फैल जाती है। सुबह होते ही विजट महाराज ने शाही स्नान किया और फिर हुआ वह क्षण जब शिरगुल महाराज और विजट महाराज का वर्ष में एक बार होने वाला मिलन संपन्न हुआ। यह दृश्य देखने के लिए सिरमौर और शिमला से हजारों श्रद्धालु चूड़धार पहुंचे थे।
देव मिलन के बाद विजट महाराज अपने भक्तों के साथ सराहां के लिए लौट पड़े। पूरे मार्ग में “जय शिरगुल महाराज” और “जय विजट महाराज” के जयकारों से घाटियाँ गूंज उठीं। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबू राम शर्मा ने बताया कि सराहां से करीब दो हजार भक्त जातर के रूप में देव यात्रा में शामिल हुए थे।
देव आज्ञा के अनुसार, देव मिलन के बाद रविवार से चूड़धार में लगने वाला भंडारा भी बंद हो जाएगा। श्रद्धालु मानते हैं कि जब ये दोनों देव भाई मिलते हैं, तो आने वाले वर्ष में क्षेत्र में समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।