#विविध
June 19, 2025
BJP रैली में SDM को कहा ‘चीमा कीमा’- गुस्से में सिख समुदाय, बोले- माफी मांगे जयराम ठाकुर
एसडीएम चीमा के खिलाफ नारे पर सिख समुदाय ने माना पूरे समाज का अपमान
शेयर करें:
सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर स्थित नाहन ज़िला मुख्यालय के पांवटा साहिब में बीजेपी द्वारा आयोजित एक जनसभा और प्रदर्शन के दौरान लगे चीमा कीमा नहीं चलेंगे जैसे नारों ने एक नई सियासी और सामाजिक बहस छेड़ दी है। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सोशल मीडिया पर अपना पक्ष सामने रखा है
यह नारा भले ही एसडीएम गुंजित सिंह चीमा के खिलाफ बताया जा रहा हो, मगर सिख समुदाय ने इसे अपनी सांस्कृतिक अस्मिता और सम्मान से जोड़ लिया है। इस घटनाक्रम के बाद सिख समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारा परिसर में एकत्र हुए। ॉ
समाजसेवी इंद्रजीत सिंह मिक्का, किसान नेता तरसेम सिंह, परमजीत सिंह बंगा, गुरजीत सिंह, जसविंदर सिंह बिलिंग और प्रदीप सिंह सैनी ने एक सुर में बीजेपी नेताओं की आलोचना की और सार्वजनिक माफी की मांग की। चेतावनी दी गई है कि यदि दो दिनों के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अन्य जिम्मेदार कार्यकर्ता माफी नहीं मांगते, तो समुदाय राज्यव्यापी विरोध का रास्ता अपनाएगा।
समुदाय ने साफ किया है कि चीमा महज़ एक व्यक्ति का नाम नहीं, बल्कि सिख समाज की पहचान है। इस तरह की सार्वजनिक टिप्पणियां पूरे समाज को अपमानित करती हैं। नेताओं ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ। माजरा प्रकरण में भी एसडीएम चीमा को डंडे के साथ दिखाकर सोशल मीडिया पर खालिस्तानी रंग देने की कोशिश की गई थी।
सिख समुदाय ने यह भी उठाया कि कुछ माह पहले बंगाल में एक महिला सिख पुलिस अधिकारी के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ था। अब पांवटा साहिब में यह नया मामला सामने आया है, जो दर्शाता है कि कहीं न कहीं सिख अधिकारियों को राजनीतिक टारगेट बनाया जा रहा है।
सिख प्रतिनिधियों ने प्रशासन, मुख्यमंत्री और पुलिस से आग्रह किया है कि नारेबाजी करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। पांवटा साहिब के ही एक अन्य किसान नेता अनिद्र सिंह नॉटी ने भी इस घटना पर आक्रोश जताते हुए न्याय की मांग की है।
वहीं, जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि- मैंने आज पावंटा साहिब में आयोजित जनसभा में किसी भी समुदाय विशेष के बारे कोई भी टिप्पणी नहीं की है। मेरी गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रति अगाध श्रद्धा है और सिख धर्म के प्रति बहुत सम्मान है। किसी की भावना को आहत करने की मेरी कोई भी मंशा नहीं थी। अतःमेरी बात को ग़लत तरह से न लिया जाए ।