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July 9, 2025
हिमाचल मानसून : 80 लोगों ने गंवाया जीवन, 37 अभी भी लापता- मलबे में तलाश रहे परिजन
लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सख्त सलाह दी गई है।
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। बीते कल भी हिमाचल के चंबा जिले में बादल फटने की घटना सामने आई। प्रदेश के कई जिलों में बीते कल मूसलाधार बारिश हुई- जिससे लोगों के चेहरों पर मायूसी और डर नजर आया।
आपको बता दें कि बीती रात को सिरमौर जिले में इतनी ज्यादा बारिश हुई कि प्रशासन को गिरि जटोंन डैम के 6 गेट खोलने पड़े। डैम के गेट खुलने से प्रदेश के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला के नदी-नालों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी खतरे को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
उधर, राजधानी शिमला सहित कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर और चंबा में भी बीती रात तेज बारिश हुई। मंडी जिला के आपदा प्रभावित इलाकों, खासकर थुनाग क्षेत्र में भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार मंडी के गोहर में सर्वाधिक 85 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
प्रदेश में मौसम आज भी पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। साथ ही, 14 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका को देखते हुए येलो अलर्ट लागू कर दिया गया है। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सख्त सलाह दी गई है।
लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 227 सड़कें बंद, 163 ट्रांसफार्मर ठप और 174 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इस आपदा का सबसे बड़ा शिकार मंडी जिला बना है। जिले में 153 सड़कें, 140 ट्रांसफार्मर और 158 जल योजनाएं काम नहीं कर रही हैं।
20 जून से शुरू हुए इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। 128 लोग घायल और 37 लापता बताए जा रहे हैं। परिजन अपनों को मलबे में तलाश रहे हैं। राज्यभर में 164 मकान पूरी तरह, जबकि, 191 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं, 364 पशुशालाएं और 27 दुकानें बारिश और भूस्खलन की चपेट में आ चुकी हैं। 254 मवेशी और 10 हजार पोल्ट्री पक्षी भी इस आपदा में मारे गए हैं।
अब तक राज्य को मानसून के दौरान 692 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा झटका जलशक्ति विभाग को लगा है, जिसे 391 करोड़, जबकि लोक निर्माण विभाग को 292 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
इस बरसात की सबसे बड़ी मार मंडी जिला झेल रहा है। 30 जून की रात यहां 12 जगह बादल फटे, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। जिले में अब तक 20 मौतें हो चुकी हैं और 28 लोग लापता हैं।
यह आपदा हिमाचल को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर रही है कि अब बरसात सिर्फ पानी नहीं, बल्कि चेतावनी लेकर आती है। जरूरत है समय रहते चेतावनी तंत्र को और मजबूत करने की, ताकि नुकसान को टाला जा सके।