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March 28, 2025
ना चर्चा.. ना विरोध... और हिमाचल में 24% बढ़ गई मंत्रियों-MLA की सैलरी, जानें अब कितनी मिलेगी
हिमाचल विधानसभा में पारित हुआ बिल, अब MLA को मिलेंगा 3 लाख रुपए महीना
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र का आज आखिरी दिन माननीयों के लिए काफी लाभदायक रहा। आर्थिक संकट से घिरी सुक्खू सरकार ने विधायकों के वेतन मं 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। बड़ी बात यह है कि अब विधायकों की सैलरी हर पांच साल बाद बढ़ा करेगी। इस विधेयक के पास हो जाने के बाद विधायकों को एक माह में लगभग तीन लाख रुपए वेतन मिला करेगा। विधायकों की वेसिक सैलरी 55 हजार से बढ़कर 70 हजार रुपए हो जाएगी।
आज विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश लेजिस्लेटिव असेंबली (अलाउंसेज एंड पेंशन ऑफ मेंबर) अमेंडमेंट बिल 2025 पेश किया। जिसे सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष ने भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक पर ना कोई चर्चा हुई और ना ही हर विधेयक की तरह विपक्ष ने इसका विरोध किया। इससे पहले हिमाचल में विधायकों का वेतन साल 2016 में बढ़ा था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की वीरभद्र सरकार थी। वीरभद्र सिंह ने ही 2016 में सदन में विधायकों की सैलरी बढ़ाई थी।
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सदन में पेश किए विधेयक में संशोधन करके विधायकों का वेतन हर साल पांच साल बाद बढ़ाने का प्रावधान किया है। यानी अब विधायकों की सैलरी-पेंशन प्राइस इंडेक्स के हिसाब से बढ़ेगी। इसके बाद विधायकों की सैलरी.भत्ते एक अप्रैल 2030 को दोबारा बढ़ेंगे। इससे पहले 2016 में वीरभद्र सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाई थी।
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प्रदेश की सुक्खू सरकार ने विधायकों का वेतन बढ़ाने के साथ ही उनका टेलिफोन के अलावा बिजली और पानी भत्ता खत्म कर दिया है। विधायकों को इससे पहले 15 हजार रुपए टेलिफोन भत्ता मिलता था। अब विधायकों को टेलिफोन के अलावा पानी और बिजली के बिल खुद अपनी जेब से भरने होंगे। इतना ही नहीं इस बिल के पारित होने के बाद पूर्व विधायकों का टेलिफोन भत्ता भी खत्म हो जाएगा।
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साल 2010 में विधायक की बेसिक सैलरी 15 हजार थी, जिसे बढ़ाकर 30 हजार रुपए किया गया। मई 2016 में बेसिक सैलरी 30 हजार से बढ़ाकर 55 हजार रुपए की गई। अब इसे 70 हजार रुपए कर दिया गया है।
विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा समय में हिमाचल के विधायकों की 55 हजार रुपए बैसिक सैलरी थी। इसके अलावा उन्हें तरह तरह के भत्ते मिलते थे। जिन्हें मिलकार हर माह एक विधायक को 2 लाख 10 हजार रुपए वेतन मिलता था। विधायकों को प्रतिपूरक भत्ता यानी कंपनसेट्री अलाउंस 5 हजार रुपए प्रतिमाह, विधानसभा क्षेत्र भत्ता 90 हजार रुपए, टेलिफोन भत्ता 15 हजार रुपए, कार्यालय भत्ता 30 हजार और डाटा ऑपरेटर भत्ता के लिए 15 हजार रुपए दिए जाते थे। इसके अलावा विधानसभा सत्र में बैठक के लिए प्रति बैठक 1800 रुपए रोजाना अलग से विधायकों के खाते में जाते थे। विधायकों को यात्रा भत्ता, मुफ्त यात्रा सुविधा, आवासीय सुविधा समेत कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
बता दें कि अभी चार दिन पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने भी सांसदों के वेतन और भत्तों में इजाफा किया था। इसकी आधिकारिक सूचना जारी की गई थी। जो कि 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी रहेगी। अधिसूचना के अनुसार सांसदों को अब 1,24,000 रुपए महीना वेतन मिलेगा। इससे पहले उन्हें 1 लाख रुपए मिलते थे और ऐसे में करीब 24 फीसदी का इजाफा केंद्र सरकार ने किया था।