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March 28, 2025

सुक्खू सरकार नहीं दे पाई 2795 करोड़ का हिसाब: हुआ बड़ा खुलासा

CAG भी हैरान, 2990 प्रोजेक्ट्स की UC  नहीं दी 

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himachal news

शिमला। फर्ज करें कि आपको किसी ने खर्च करने को 1000 रुपए दिए। आप अगर उस पैसे को खर्च कर सामने वाले को हिसाब न दें तो उसे क्या कहा जाएगा? बस कुछ ऐसा ही काम हिमाचल सरकार ने किया है। सुक्खू सरकार के विभिन्न विभागों ने एक हजार नहीं, 2795 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं दिया है।

महालेखा परीक्षक और नियंत्रक (CAG) ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह पैसा विभिन्न योजनाओं का था। अगर इस पैसे से जनता की भलाई के काम हुए तो उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) भी देनी चाहिए।

आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट

CAG ने यह टिप्पणी साल 2023-24 के दौरान सुक्खू सरकार के कामकाज की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में की है, जिसे गुरुवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया गया।

 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न योजनाओं की 2990 UC अभी जमा नहीं की गई है। इन्हें 31 मार्च 2024 तक पेश करना था।

क्या पैसा वहीं खर्च हुआ, जहां होना था ?

CAG ने 2990 प्रोजेक्ट्स के काम की UC जारी न करने पर शक जताते हुए कहा है कि इससे यह पता नहीं चलता है कि 2795 करोड़ रुपए उन्हीं प्रोजेक्ट्स पर खर्च हुए हैं, जिनके लिए पैसे का आवंटन किया गया था। CAG की इस रिपोर्ट ने सुक्खू सरकार के कामकाज में पारदर्शिता के दावे की बखिया उधेड़ दी है। इसे राज्य विधानसभा की भी अवमानना कहा जा सकता है, क्योंकि बजट पर सदन के अनुमोदन के बाद ही सरकार को योजनाओं के लिए आवंटित पैसा खर्च करने का अधिकार मिलता है।

निकायों, प्राधिकरणों ने भी नहीं दी UC

CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1,744.60 करोड़ रुपये की रकम के 1,342 UC पेंडिंग थे। इन्हें संबंधित निकायों और प्राधिकरणों ने पेश नहीं किया, जिसके लिए उन्हें सरकार की ओर से अनुदान के रूप में मदद मिली थी।

 

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इसके अलावा 1,050.63 करोड़ की कुल राशि के 1,648 UC वर्ष 2022-23 तक प्रस्तुत नहीं किए गए। ये UC 31 मार्च 2024 तक पेंडिंग थे।

आपदा में  केंद्र से मिले 1190 करोड़

CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2023 में हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सुक्खू सरकार ने राहत राशि के रूप में 1,239.18 करोड़ रुपये खर्च किए। केंद्र सरकार ने आपदा राहत के रूप में हिमाचल प्रदेश को 1,190 85 करोड़ रुपये भेजे।

CAG के अनुसार ओपीएस की बहाली से हिमाचल की आर्थिक सेहत बिगड़ेगी। वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली से भविष्य में राज्य पर वित्तीय प्रभाव पड़ेगा।

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