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July 18, 2025
हिमाचल: आपदा के जख्म- 18 दिन से अंधेरे में डूबी है ये पंचायत, 400 परिवार कर रहे मदद का इंतजार
पखरैर पंचायत में 11 लोग अभी भी लापता, घर समेत बहे थे परिवार के पांच
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में प्राकृतिक आपदा ने ऐसा कहर बरपाया कि अपदा को 18 दिन बीत जाने के बाद भी कई गांवों के हालात अभी भी नहीं सुधर पाए हैं। ऐसी ही मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में पड़ती अति दुर्गम पंचायत पखरैर है। यहां आज भी हालात नहीं सुधरे हैं, यहां के लगभग हर घर को आपदा ने नुकसान पहुंचाया है। यहां के सैंकड़ों परिवार 18 दिन बाद भी अंधेरे में रातें काट रहे हैं। इस गांव तक पहुंचने की सड़क पूरी तरह से टूटने के कारण उन्हें अभी तक उपयुक्त राहत सामग्री भी नहीं मिल पाई है।
दरअसल 30 जून की रात शिकारी देवी के जंगलों में फटे बादल ने इस पंचायत में जमकर कहर बरपाया। पखरैर पंचायत के देजी गांव में शायद ही कोई ऐसा घर बचा हो जिसे इस त्रासदी ने न छुआ हो। यहां 11 लोग अब भी लापता हैं, जिनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। यहां पांच लोगों का पूरा परिवार घर के साथ ही सैलाब में बह गया था, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। गांव में खेत, बाग, गौशालाएं और पॉलीहाउस भी बह चुके हैं।
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देजी गांव के ग्रामीण रितिक ठाकुर और धर्म चंद बताते हैं कि आपदा के पांचवें दिन पहली बार राहत सामग्री पहुंची थी, लेकिन वह भी उनके लिए काफी नहीं थी। रास्ते आज भी जर्जर हालत में हैं। पांच किलो राशन पीठ पर लादकर लाना यहां के ग्रामीणों के लिए रोज़ की जंग बन चुका है। वहीं पंचायत की प्रधान मोनिका ठाकुर बताती हैं कि 406 परिवारों वाली इस पंचायत में कोई भी ऐसा नहीं बचा जो आपदा से प्रभावित न हुआ हो। 70 प्रतिशत सेब की फसल तबाह हो गई है। 9 मकान पूरी तरह बह चुके हैं और 48 मकान इतने क्षतिग्रस्त हैं कि अब रहने लायक नहीं बचे। बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है और पानी की योजनाएं भी केवल आंशिक रूप से ही चालू हो पाई हैं।
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यह पंचायत एक समय पूरी तरह से दुनिया से कट गई थी। 4 जुलाई को जब आपदा के पांचवें दिन एनडीआरएफ की टीम यहां तक पहुंची, तब जाकर रेस्क्यू कार्य की शुरुआत हो सकी। आज भी देजी और अन्य सटे गांवों तक सड़क बहाली का काम अधूरा है, जिससे राहत पहुंचाना कठिन होता जा रहा है। पंचायत खुद अपने स्तर पर गांव के रास्तों को ठीक करने की कोशिश कर रही है, ताकि बच्चों के लिए स्कूल जैसे ज़रूरी संस्थान फिर से शुरू हो सकें।
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ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द सड़क और बिजली की सुविधा बहाल की जाए, ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके और लोगों को कम से कम अंधकार और एकांत से छुटकारा मिले।