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October 26, 2025
हिमाचल: जवान इंद्र सिंह को सैन्य सम्मान से दी अंतिम विदाई, मासूम बेटी के सिर से उठा पिता का साया
दिवाली की छुट्टी काट ड्यूटी पर पहुंचे थे, दो बहनों का था इकलौता भाई
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कुल्लू। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश ने आज अपना एक और जवान खो दिया। हिमाचल के कुल्लू जिला की ऊझी घाटी के कराल (शिरड़) गांव के 37 वर्षीय जवान इंद्र सिंह का आज उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने श्मशानघाट पर पहुंच कर अपने वीर जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
बता दें कि जवान इंद्र सिंह अभी हाल में ही दिवाली की छुट्टी काट कर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी तैनाती हिसा में थी। ड्यूटी के दौरान ही हृदय गति रुकने से इंद्र सिंह की आकस्मिक मौत हो गई। जैसे ही उनके निधन की खबर उनके परिवार को मिली पूरे परिवार और गांव में मातम छा गया। जवान की अचानक मौत की खबर सुन कर बूढ़ी मां और पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था।
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बता दें कि इंद्र सिंह के घर में उनक बूढ़े माता पिता के अलावा पत्नी और एक मासूम बेटी है। इंद्र सिंह दो बहनों के इकलौते भाई थे। जवान की मौत से दोनों बहने सदमें में हैं। वहीं पत्नी छोटी उम्र में ही विधवा हो गई है। मासूम बेटी को यह पता ही नहीं है कि उसके सिर से अब पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है। इंद्र सिंह की अचानक हुई मौत से पूरे परिवार को गहरा सदमा लगा है।
आज रविवार दोपहर जैसे ही जवान इंद्र सिंह की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो पूरा क्षेत्र परिवार की चीखों से दहल उठा। मां, पत्नी और बहनें जवान की देह से लिपट कर फूट फूट कर रो रही थी। इस ह्रदय विदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। जवान को अंतिम विदाई देने के लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए। भारतीय सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी।
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इंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कराल में पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ किया गया। आसपास के कई गांवों के लोग भी इस दुखद अवसर पर उपस्थित हुए। सेना और प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे ताकि शहीद को अंतिम विदाई पूरे गरिमा और सम्मान के साथ दी जा सके।
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इस वीर सपूत के अचानक निधन से उनका परिवार गहरे सदमे में है। इंद्र सिंह अपने पीछे एक बेटी और दो बहनों को छोड़ गए हैं। उनके पिता तुलसी राम, जो वन विभाग से सेवानिवृत्त हैं, और माता गृहिणी हैं। इस अपूरणीय क्षति से अत्यंत दुखी हैं। पूरे गांव और क्षेत्र ने शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।