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September 7, 2025

हिमाचल ने खो दिया वीर सपूत, सैन्य सम्मान से दी NDRF जवान नरेंद्र ठाकुर को अंतिम विदाई

आईटीबीपी जवान नरेंद्र NDRF में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे

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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश ने एक और वीर सपूत को खो दिया। कुल्लू जिले में बीते दिनों से जारी भारी बारिश के चलते हुए भीषण भूस्खलन में आईटीबीपी के बहादुर जवान नरेंद्र ठाकुर का निधन हो गया। नरेंद्र ठाकुर वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल NDRF में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत थे। 2 सितंबर की रात को इनर अखाड़ा बाजार में आए भूस्खलन में वे मलबे के नीचे दब गए थे।

पांच दिन बाद मलबे से निकला शव

लगातार पांच दिनों तक चले संयुक्त बचाव अभियान के बाद 6 सितंबर की शाम को जवान का पार्थिव शरीर मलबे से बाहर निकाला गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, जिला प्रशासन, कुल्लू पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों ने दिन-रात एक कर दिए। यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण मिशन था, जिसमें हर पल किसी चमत्कार की उम्मीद थी, लेकिन अंत में नरेंद्र ठाकुर के बलिदान की पुष्टि ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया।

 

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अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

आज उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव व्यासर (मनाली) लाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जवान के ताबूत को भारतीय तिरंगे में लपेटा गया, और शोक भरे वातावरण में बिगुल की धुन के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। सम्मान गार्ड ने तीन राउंड की सलामी दी, जो उनकी वीरता, देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक थी।

सरकारी प्रतिनिधियों ने परिवार को राष्ट्रीय ध्वज और श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पांजलि भेंट की। गांव के लोग, प्रशासनिक अधिकारी, सुरक्षा बलों के जवान, और हजारों ग्रामीण इस अंतिम विदाई के साक्षी बने। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, हर आंख नम है और हर दिल गर्व से भरा हुआ।

 

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नरेंद्र ठाकुर एक समर्पित और साहसी योद्धा

36 वर्षीय नरेंद्र ठाकुर अपने गांव और बल के बीच एक पुल की तरह थे। बचपन से ही देश सेवा का जज़्बा रखने वाले नरेंद्र ने ITBP में भर्ती होकर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। हाल ही में उन्हें NDRF में प्रतिनियुक्त किया गया था, जहां आपदा प्रबंधन जैसे खतरनाक कार्यों को वे पूरी निष्ठा से अंजाम दे रहे थे।

 

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बताया जा रहा है कि भूस्खलन के समय वे अपने क्वार्टर में मौजूद थे। हादसा इतना अचानक हुआ कि बच निकलने का कोई मौका नहीं मिला। प्रशासन द्वारा चलाए गए राहत कार्यों के दौरान 3 और 4 सितंबर को कुल मिलाकर 9 लोग मलबे में दब गए थे, जिनमें से अब तक 8 शव बरामद किए जा चुके हैं।

शोक में हिमाचल, गर्व से नतमस्तक राष्ट्र

नरेंद्र ठाकुर की शहादत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। वे उन जवानों में से थे, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते। भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी वे लोगों की रक्षा के लिए मोर्चे पर डटे रहे। हिमाचल ने एक और बहादुर सपूत खो दिया है, लेकिन नरेंद्र ठाकुर की शहादत हमेशा याद रखी जाएगी। उनके साहस, समर्पण और सेवा भावना को राष्ट्र नमन करता है।

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