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September 7, 2025

हिमाचल: राहू नाले ने छीन लिया परिवार से 16 साल का बेटा, माता-पिता के नहीं रूक रहे आंसू

नाले में बहे 16 वर्षीय युवक की छह दिन बाद मिली देह

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chamba pangi News

पांगी (चंबा)। हिमाचल के चंबा जिला से एक बेहद दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां परिवार ने अपने 16 साल के बेटे को खो दिया है। बेटे की मौत से परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसर गया है। 16 वर्षीय किशोर छह दिन पहले नाले में बह गया था, तब से परिजन उसकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन छह दिन बाद उनके इंतजार का दुखद अंत हो गया।

16 वर्षीय किशोर का शव बरामद

दरअसल यह मामला चंबा जिला की सबसे दुर्गम घाटी पांगी का है। यहां के टकवास गांव में उस समय मातम पसर गया जब छह दिन से लापता चल रहे 16 वर्षीय किशोर संजीव कुमार का शव गांव से कुछ किलोमीटर दूर महालू नाले में बरामद हुआ। संजीव जो कि टकवास पंचायत हुड़ान का निवासी था, बीते सप्ताह राहू नाले में बहकर लापता हो गया था। घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया है। शांतए मेहनती और हमेशा मुस्कुराने वाला संजीव अब इस दुनिया में नहीं रहा। यह यकीन करना उसके माता.पिता के लिए बेहद कठिन हो रहा है। संजीव की मौत ने पूरे घर की खुशियां छीन ली हैं।

 

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बारिश के बाद लकड़ी बीनने गया था

मिली जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह संजीव अपने एक दोस्त के साथ राहू नाले की ओर गया था। बारिश के बाद नालों में बहकर आने वाली लकड़ी को ग्रामीण सर्दियों के लिए ईंधन के रूप में जमा करते हैं। यही सोचकर दोनों किशोर लकड़ी इकट्ठा करने निकले थे। लेकिन दुर्भाग्यवश लकड़ी पकड़ते समय संजीव का पैर फिसल गया और वह तेज बहाव की चपेट में आ गया। जब तक उसका दोस्त कुछ समझ पाता, तब तक संजीव आंखों से ओझल हो गया।

 

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महालू नाले में मिला शव

पांगी थाना प्रभारी जोगिंद्र सिंह जरियाल ने बताया कि शनिवार सुबह स्थानीय ग्रामीणों ने महालू नाले में एक शव के देखे जाने की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बाहर निकाला और शिनाख्त की। मृतक की पहचान संजीव कुमार पुत्र सुखराम के रूप में हुई। पोस्टमार्टम के पश्चात संजीव का शव परिवार को सौंप दिया गया। शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मां का रो.रो कर बुरा हाल है, और पिता गहरे सदमे में हैं।

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हमारा सब कुछ चला गया... विलाप करती मां

संजीव की मां जिनके चेहरे पर कभी बेटे की शरारतों की मुस्कान होती थी, अब बस खामोश आंसुओं में डूबी हैं। रोते हुए उन्होंने कहा वो तो बस लकड़ी लेने गया था... हमें क्या पता था कि हमारा लाल कभी लौटकर नहीं आएगा। हमारा सब कुछ चला गया। गांववालों ने भी इस घटना को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस तरह के खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए और बच्चों को ऐसे क्षेत्रों में जाने से रोका जाना चाहिए।

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