#विविध
March 7, 2025
हिमाचल का जवान पंचत्तव में हुआ विलीन, मां-बाप का था इकलौता बेटा, बहन ने दी मुखाग्नि
कांगड़ा के 25 वर्षीय जवान अनिकेत का दिल्ली अस्पताल में हुआ निधन
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कांगड़ा। देवभूमि के साथा साथ हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां के कई युवा सेना की वर्दी पहन कर देश की सरहदों की रक्षा में तैनात हैं। प्रदेश के कई जवानों ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। हिमाचल प्रदेश ने ऐसा ही एक और वीर जवान खो दिया है। हिमाचल के कांगड़ा जिला के इस मात्र 25 वर्ष के जवान को आज उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
सेना के जवान अनिकेत की पार्थिव देह लेकर आज शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचे। जैसे ही अनिकेत की देह उनके गांव में पहुंची तो हर तरफ माहौल गमगीन हो गया। बेटे की देह देख कर मां बेसुध हो गई। मां-बाप व बहन के आंखों से अश्रुधारा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। कुछ देर पार्थिव देह को घर में रखने के बाद स्थानीय श्मशानघाट में जवान को अंतिम विदाई दी गई। जवान को उसकी बहन आकांक्षा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान सेना की टुकड़ी ने हवा में फायर कर अपने साथी को अंतिम सलामी दी।
मिली जानकारी के अनुसार कांगड़ा जिला के जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत अमलेला के 25 वर्षीय जवान अनिकेत का बीते रोज गुरुवार की शाम निधन हो गया था। वह दिल्ली के सेना अस्पताल में उपचाराधीन थे। जहां पर वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी का इलाज करवा रहे थे। लेकिन इस बीमारी से जवान अनिकेत जंग हार गया और गुरुवार देर शाम को उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
2000 में अमलेला निवासी राकेश कुमार और नीलम के घर जन्मे अनिकेत साल 2022 में 21 डोगरा में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। अनिकेत लेह लद्दाख में कार्यरत था। इसी बीच करीब आठ माह पहले उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। तब से उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उपचार चल रहा था। लेकिन बीते रोज उनका अस्पताल में निधन हो गया।
अनिकेत अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। 25 वर्षीय अनिकेत के पिता राकेश कुमार दर्जी का काम करते हैं और माता नीलम देवी आंगनबाड़ी वर्कर है। बहन आकांक्षा चौधरी ने इसी साल बीकॉम की पढ़ाई पूरी की है। शुक्रवार को पैतृक गांव के श्मशानघाट में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग जवान को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे थे।