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July 24, 2025

जॉब ट्रेनी स्कीम: 2 साल बाद सीखे काम के आधार पर होगी परीक्षा, फेल हुए तो जाएगी सरकारी नौकरी

14 मई 2025 के बाद की सभी भर्तियों पर लागू होगा नियम

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himachal job policy

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए एक नई प्रणाली लागू की है। अब प्रदेश में सरकारी विभागों में ग्रुप-A, ग्रुप-B और ग्रुप-C के अंतर्गत होने वाली भर्तियों के बाद अभ्यर्थियों को दो वर्ष की अवधि तक जॉब ट्रेनी के तौर पर कार्य करना होगा। इस दौरान उनका आचरण, कार्यशैली, दक्षता और विभागीय नियमों के प्रति उनकी समझ का आकलन किया जाएगा।

इन पर लागू होंगे नियम

राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह आदेश 14 मई 2025 के बाद होने वाली सभी नई भर्तियों पर लागू होगा।

 

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क्या है नया नियम?

नए नियमों के मुताबिक, चयनित उम्मीदवारों को सीधी नियुक्ति नहीं मिलेगी। पहले उन्हें विभाग में दो साल तक ट्रेनी के रूप में काम करना होगा। इस दौरान वे न तो स्थायी होंगे, न ही उन्हें नियमित कर्मचारी के सभी लाभ मिलेंगे।

 

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दो वर्ष का ट्रेनी पीरियड पूरा करने के बाद उम्मीदवार को एक दक्षता मूल्यांकन परीक्षा (Proficiency Assessment Test) पास करनी होगी। यदि कोई उम्मीदवार यह परीक्षा पास नहीं कर पाता, तो उसे सरकारी सेवा में स्थायी नियुक्ति नहीं मिलेगी।

किन्हें होगा असर?

  • यह नियम ग्रुप-A, B और C श्रेणी की सभी सीधी भर्तियों पर लागू होगा।
  • 14 मई 2025 के बाद चयनित होने वाले सभी उम्मीदवार इसके दायरे में आएंगे।
  • इससे पहले नियुक्त हुए किसी भी कर्मचारी पर यह नियम लागू नहीं होगा।

 

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परीक्षा में क्या परखा जाएगा?

  • ट्रेनी कर्मचारी की मूल्यांकन परीक्षा में यह देखा जाएगा:
  • क्या कर्मचारी विभागीय कार्यप्रणाली को समझता है?
  • क्या वह समय पर और सही ढंग से कार्य करता है?
  • क्या उसमें जिम्मेदारी और जवाबदेही का भाव है?
  • क्या उसका आचरण, व्यवहार और टीमवर्क संतोषजनक है?

हर विभाग के हिसाब से परीक्षा की प्रकृति और मूल्यांकन मानदंड अलग-अलग हो सकते हैं। कार्मिक विभाग इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है।

क्यों उठाया गया ये कदम?

सरकार का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि सरकारी तंत्र में गुणवत्ता और अनुशासन आए। कई बार देखा गया है कि चयन के बाद कर्मचारियों में लापरवाही, अकर्मण्यता और जवाबदेही की कमी देखी जाती है। अब चयन का मतलब सिर्फ परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि खुद को सरकारी सेवा के योग्य साबित करना भी होगा।

 

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नौजवानों में मिली-जुली प्रतिक्रिया

राज्य में युवाओं की राय इस फैसले को लेकर बंटी हुई है। कुछ का कहना है कि इससे योग्य और मेहनती लोगों को ही मौका मिलेगा, वहीं कुछ युवाओं का कहना है कि यह प्रणाली पहले से ही लंबी चयन प्रक्रिया को और जटिल और तनावपूर्ण बना देगी।

 

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