शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य चयन आयोग की परीक्षाओं में पारदर्शिता और तकनीकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए आयोग (व्यवसाय एवं प्रक्रिया) नियम, 2024 में व्यापक संशोधन किए हैं।
राज्य चयन आयोग के भर्ती नियम बदले
कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना राजपत्र में जारी कर दी है। अब राज्य चयन आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्ती परीक्षाएं आधुनिक तकनीक और कड़े सुरक्षा मानकों के तहत ही होंगी।
अब सभी परीक्षाएं CCTV निगरानी में
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में होने वाली हर परीक्षा CCTV कैमरों की निगरानी में आयोजित होगी। नकल, हैकिंग या ब्लूटूथ जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले उम्मीदवारों पर आजीवन परीक्षा देने पर रोक लगेगी।
प्रश्नपत्र-उत्तर पुस्तिकाओं की कड़ी सुरक्षा
- प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिकाएं अब डबल लॉकर वाले स्ट्रॉन्ग रूम में 24 घंटे निगरानी में रहेंगी।
- इनसे जुड़ा रिकॉर्ड कम से कम एक साल तक सुरक्षित रखा जाएगा।
- एडमिट कार्ड क्यूआर कोड और बारकोड युक्त होंगे।
- उम्मीदवारों को परीक्षा से संबंधित जानकारी SMS और ई-मेल के जरिए उपलब्ध होगी।
- आवेदन और भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
- आवेदन करने की न्यूनतम अवधि 21 दिन तय की गई है।
- विभागों को भर्ती प्रस्ताव अब ऑनलाइन भेजना होगा।
- अन्य बोर्ड, निगम और उपक्रम भी सरकार की मंजूरी से रिक्तियां आयोग को भेज सकेंगे।
- समान योग्यता वाले पद क्लब किए जाएंगे, लेकिन नियमित और जॉब ट्रेनी के पद अलग-अलग रहेंगे।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नई शर्तें
- परीक्षा से जुड़े अधिकारियों और पेपर सेटर्स को अब नो-रिलेशन सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा।
- कम उम्मीदवार होने की स्थिति में परीक्षा OMR शीट पर होगी।
- अभ्यर्थियों द्वारा गलत कैटेगरी भरने पर केवल तय समय में ही सुधार का मौका मिलेगा।
- OBC, EWS और BPL प्रमाणपत्र आवेदन की अंतिम तिथि और दस्तावेज सत्यापन के समय प्रस्तुत करने होंगे।
दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों के लिए विशेष प्रावधान
- दृष्टिबाधित और विकलांग अभ्यर्थियों को लिखने के लिए सहायक उपलब्ध कराया जाएगा।
- हर घंटे के लिए उन्हें 20 मिनट अतिरिक्त समय मिलेगा।
- वे स्वयं भी सहायक ला सकते हैं, बशर्ते उसकी योग्यता उस पद से कम हो।
- जरूरत पड़ने पर इन उम्मीदवारों के लिए अलग परीक्षा केंद्र भी बनाए जाएंगे।
नकल और गड़बड़ी पर कड़ी सजा
- परीक्षा में नकल या गड़बड़ी करते पकड़े जाने पर अभ्यर्थी पर आजीवन परीक्षा देने पर रोक होगी।
- कंप्यूटर, सर्वर हैक करने या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग करने को भी गड़बड़ी माना जाएगा।
- एक अन्य कानून के तहत ऐसे मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान रहेगा।