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September 25, 2025

हिमाचल पर आने वाला था बड़ा खतरा, देव मिलन ने बचा लिया- रक्षा सूत्र बांध थाम ली आपदा

देवनीति और देव स्थलों से छेड़छाड़ से बचना होगा

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Himachal Devi-Devta

मंडी। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानूसन ने जमकर तबाही मचाई। मानसून सीजन में हुई भारी बरसात ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। इसी के चलते मंडी जिला के थाची घाटी के सताना में बुधवार को एक ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसका इंतजार स्थानीय लोग वर्षों से कर रहे थे।

हिमाचल पर आने वाला था बड़ा खतरा

यहां देव मार्कंडेय ऋषि और आदिशक्ति माता अंबिका का ऐतिहासिक देव मिलन हुआ। इस मिलन को देखने के लिए हजारों लोग उमड़े और पूरा इलाका धार्मिक उत्साह से गूंज उठा।देववाणी में गूर ने बताया कि यह देव मिलन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसका सीधा संबंध देवभूमि और देश-दुनिया के भविष्य से है।

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देव मिलन ने बचा लिया

 गूर के अनुसार, दोनों देवशक्तियों ने छह माह बाद आने वाले बड़े संकट पर पहले ही विराम लगाकर उसका समाधान कर दिया है। अगर यह देव मिलन न होता, तो यह संकट हिमाचल सहित पूरे देश के लिए गंभीर नुकसानदायक साबित हो सकता था।

देव समाज को मिली बड़ी सीख

देववाणी के दौरान यह संदेश भी दिया गया कि देव परंपरा, देवनीति और देव स्थलों से छेड़छाड़ से बचना होगा। गूर ने स्पष्ट कहा कि अगर लोग परंपराओं को तोड़ेंगे और देवी-देवताओं के स्थलों के साथ खिलवाड़ करेंगे, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। देव समाज से जुड़े लोग भी मानते हैं कि देवभूमि की शक्ति और आस्था तभी तक सुरक्षित रह सकती है, जब तक लोग अपने रीति-रिवाजों और देव नियमों का पालन करेंगे।

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30 साल बाद हुआ महायोग

करीब 30 वर्षों बाद हुए इस देव मिलन में दोनों देवताओं के हारियानों (सेवकों) की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक पल का इंतजार पीढ़ियों से था। इस दौरान देव मार्कंडेय ऋषि अपने 450–500 देवलुओं के साथ सताना पहुंचे और पहले ऐतिहासिक शक्तिपीठ में शीश नवाया। इसके बाद माता अंबिका से मिलन हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बना दिया।

देवभूमि के संकट पर लगा विराम

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही बंजार के छदारा में पांच महाशक्तियों ने भी भविष्यवाणी की थी कि देवभूमि पर बड़ा संकट आने वाला है। उस समय भी देव शक्तियों ने अपना सूत्र बांधकर उस संकट को रोका था। अब सताना में हुए इस देव मिलन को उसी कड़ी का विस्तार माना जा रहा है, जिससे आने वाली आपदाओं पर रोक लग सकी है।

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देव समाज का संदेश

देव समाज से जुड़े लोगों ने इस अवसर पर कहा कि देवभूमि के 18 करडू (16 करोड़ देवी-देवताओं का समूह) एक हैं, इनमें कोई बड़ा या छोटा नहीं है। लेकिन वर्तमान समय में देवताओं के बीच भेदभाव और टकराव की स्थिति बनाई जा रही है, जो सही नहीं है। देवताओं का भाईचारा ही देवभूमि की सबसे बड़ी ताकत है और इसे कायम रखना सभी की जिम्मेदारी है।

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