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September 17, 2025
"इधर 24 करोड़ का लोन माफ़ हुआ: उधर RS बाली की पत्नी ने होटल को ही खरीद लिया"
केसीसी बैंक ने ओटीएस के तहत होटल कारोबारी का किया था 24 करोड़ लोन माफ
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नगरोटा बगवां (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा वन टाइम सेटलमेंट के नाम पर एक नामी होटल कारोबारी का 24 करोड़ लोन माफ करने के मामले ने अब सियासी रंग ले लिया है। भाजपा ने इस पूरी डील को जनता के पैसों पर डाका करार दिया है। भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के बाद अब नगरोटा बगवां के पूर्व भाजपा विधायक अरुण कुमार कुक्का ने सुक्खू सरकार और नगरोटा बगवां के कांग्रेस विधायक आरएस बाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कुक्का ने आरोप लगाया कि पालमपुर के एक होटल की महिला मालिकिन रोमा चौहान पर बैंक का लगभग 45 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसमें से उन्होंने केवल 21 करोड़ रुपये जमा किए और शेष 24 करोड़ रुपये वन टाइम सेटलमेंट के नाम पर माफ कर दिए गए। उनका कहना था कि यह राहत बैंकिंग नियमों को ताक पर रखकर दी गई, न तो सरफेसी एक्ट के तहत नोटिस जारी हुआ, न ही संपत्ति पर कब्ज़ा लिया गया और न ही सार्वजनिक नीलामी की गई।
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कुक्का का बड़ा दावा है कि वन टाइम सेटलमेंट के नाम पर 24 करोड़ रुपये माफ किए जाने के अगले ही दिन वह होटल कांग्रेस विधायक आरएस बाली की पत्नी भूमिका बाली और उनकी छोटी बहन रती बाली के नाम पर खरीदा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि यह सौदा महज़ संयोग है या सत्ता के दुरुपयोग का खुला उदाहरण। कुक्का ने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि यह महज़ होटल का सौदा नहीं, बल्कि जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका है। अरुण कुमार कुक्का ने सीधे सीधे आरोप लगाया है कि पालमपुर के इस होटल को खरीदने के लिए ही सत्ता में बैठे लोगों के कहने पर केसीसी बैंक ने 24 करोड़ का लोन माफ करवाया। इसका ही नतीजा था कि करोड़ों का लोन माफ होने के अगले ही दिन इस होटल को आरएस बाली की पत्नी और बहन ने खरीद लिया।
भाजपा इस मामले को किसी भी कीमत पर दबने नहीं देगी। अगर सरकार ने सीबीआई या ईडी जांच नहीं करवाई, तो हम सड़कों पर उतरकर ऐसा आंदोलन छेड़ेंगे कि पूरी कांग्रेस सरकार हिल जाएगी। भाजपा ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो इस मुद्दे को बड़े आंदोलन में बदला जाएगा।
भाजपा ने इस मामले को लेकर सरकार से तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की है। पार्टी ने कहा कि आम कर्जदारों को ओटीएस की सुविधा नहीं दी जाती, लेकिन प्रभावशाली लोगों को करोड़ों की छूट दी जा रही है। बता दें कि इससे पहले धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने भी इस मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। सुधीर शर्मा ने तो सीधे सीधे कहा था कि केसीसी बैंक कांग्रेस नेताओं की लूट की मशीन बन गया है।
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सूत्रों के मुताबिक कांगड़ा जिला के पालमपुर के एक होटल की मालिक महिला पर बैंक का लगभग 45 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसमें से उन्होंने करीब 21 करोड़ रुपये अदा किए और शेष 24 करोड़ सीधे माफ कर दिए गए। सवाल यह उठता है कि जब आम कर्जदारों को ओटीएस पॉलिसी का लाभ नहीं दिया जा रहा है, तो एक रसूखदार को यह विशेष छूट किस आधार पर दी गई।